Gorakhpur: बरसात के पहले बांधों का निरीक्षण करने पहुंचे यूपी के जलशक्ति मंत्री, कहा- बांधों पर पूरा हो चुका है काम
यूपी के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह शनिवार को बांधों का निरीक्षण करने गोरखपुर पहुंचे. यहां उन्होंने चौरीचौरा तहसील के तटबंध के कटान रोकने का काम देखा.
गोरखपुर: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ग्राउंड जीरो पर बरसात के पहले बांधों और वहां पर हुए कार्यों का निरीक्षण करने के लिए निकल चुके हैं. गोरखपुर के चौरी-चौरा पहुंचकर आज उन्होंने बांधों का निरीक्षण कर संतोष जताया. उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में बांधों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सरकारें मार्च-अप्रैल में मिलता था. इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनवरी माह में रुपया सेंक्शन कर दिया. जिससे समय से काम पूरा हो चुका है.
तटबंध पर कटान रोकने का काम पूरा
गोरखपुर के चौरीचौरा पहुंचे यूपी के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के भगने तटबंध पर बोल्डर, पिचिंग और कटान रोकने का कार्य पूरा हो गया है. दो वर्ष से भगने तटबंध संवेदनशील जगह बन गई थी. भगने में राप्ती गोर्रा की मुख्य धारा सीधे मुड़ती है. बाढ़ के लिहाज से यह सरकार द्वारा स्थानीय लोगों को दी गई बड़ी सौगात है. चौरीचौरा तहसील क्षेत्र में गोर्रा और राप्ती नदियों में उफान के बाद कछार क्षेत्र के 52 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है.
समय से पूरा हुआ काम
दो वर्ष में सबसे अधिक संवेदनशील जगह भगने तटबंध रहा है. जिसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री से परियोजना देकर तटबंध की मरम्मत की मांग की थीं. जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर वर्षभर के भीतर ही भगने तटबंध पर बड़ी परियोजना के माध्यम से बोल्डर, पिचिंग और कटर लगाया गया है. उन्होंने कहा कि जून आते ही बरसात आ जाती है. पता नहीं चलता था कि काम कहां हुआ और कहा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर इस बार जनवरी में ही धन उपलब्ध हो गया. जिससे समय से काम पूरा किया जा सका है.
जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि, पहली बार यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है. पहले की सरकारों में पैसा मार्च-अप्रैल में मिलता था. जून आते-आते बरसात आ जाती थी. लेकिन इस वर्ष जनवरी में ही पैसा दिया गया. जिससे हम परियोजना पूरी करके दे सकें. किसी भी गांव को कोई तकलीफ न होने पाए. उन्होंने कहा कि हम जिले जिले निरीक्षण कर रहे हैं. यूपी में 2014-15 में 15 लाख हेक्टेयर जमीन कटी थी. 2020 में मात्र 12 हजार हेक्टेयर भूमि कटी है. किसी भी तरह का जनहानि, धनहानि और पशुहानि नहीं हुई है. यही संकल्प है कि बाढ़ से पहले सभी काम को पूरा कर लें. जिससे जनता जर्नादन की सरकार सेवा कर पाए.
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