Greater Noida News: उत्तर प्रदेश शासन में मत्स्य विभाग के मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने गौतम बुद्ध नगर के सूरजपुर कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक की. मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव के एनकाउंटर वाले सवाल का भी जवाब दिया. उनका कहना था कि जब डॉक्टर संजय की अगुवाई में 7 जून 2015 को निषाद लोग गोरखपुर में रेल पर एक अपना आंदोलन कर रहे थे. तभी इनकी पुलिस ने सीधे गोली मारी और निषाद का बेटा अखिलेश निषाद मारा गया. तो क्या वो निषाद नहीं था? उसके लिए कोई आवाज नहीं उठाईं गई और कई लोगों के भी एनकाउंटर हुए है, उनके लिए आवाज क्यों नहीं उठाई गई.
संजय कुमार निषाद का कहना था कि एनकाउंटर हुआ, किन परिस्थितियों में किया गया, उसका जवाब पुलिस देगी. लेकिन खाली एक जाति के साथ खड़ा रहना ठीक नहीं है. अपराधी की कोई जाति नहीं होती है. पहली बात ये है अगर उनके ऊपर जो मुकदमे है. उन्हीं के सरकार के समय है. अगर वो अपराधी नहीं था तो क्यों मुकदमा दर्ज कराया गया. अगर मंगेश अपराधी है तो किन परिस्थितियों में गोली मारा गया, उसका जवाब पुलिस देगी.
'जात देखकर जान ली गयी'
मंगेश यादव का एनकाउंटर पांच सितंबर को सुल्तानपुर में हुआ था. वह सुल्तानपुर के घंटाघर इलाके के चर्चित ज्वेलर्स कांड में आरोपी था. वहीं विपक्षी पार्टियों इस एनकाउंटर को फर्जी बात कर यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला था. अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठा चुके हैं. पांच सितंबर को उन्होंने एक्स पर लिखा था, लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था. इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य स्वपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’देखकर जान ली गयी.
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