Lok Sabha Election 2024: गोरखपुर के भाजपा प्रत्याशी रवि किशन के पक्ष में मंगलवार को यूपी के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने निषाद समाज के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि निषाद समाज के लोगों को गुमराह करके बताया गया कि गोरखपुर की सपा प्रत्याशी निषाद है. लेकिन अब उन्हें पता चल गया है कि वो निषाद नहीं है. निषाद कम्‍यूनिटी से घर में जन्म नहीं लिया है. तो निषाद उन्हें क्यों वोट देगा. छह चरण के चुनाव हो चुके हैं. सातवें चरण के चुनाव होने हैं. यहां गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. 


कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि ये केन्‍द्र की सरकार बनाने का चुनाव है. सपा न तो लड़ रही है. न तो केंद्र में उनकी सरकार बन रही है. कांग्रेस केंद्र में थी. कांग्रेस और सपा ने मिलकर उनकी फाइल को गायब कर दिया. उन्होंने मुकदमा लिखाया. नीति बनाने के लिए वे भाजपा के साथ हैं और भाजपा की सरकार उनके समाज का साथ दे रही है. निषादों की लड़ाई वे लड़ रहे हैं. ये अखाड़ा है. डा. संजय निषाद ने कहा कि हाथ, हाथी, लाठी और 786 सब इकट्ठे हो गए थे. अब हाथी हट गई है. वे बगैर दूल्हे की बारात हैं.


निषाद समाज रवि किशन के साथ
एनडीए गठबंधन में निषाद पार्टी भी शामिल है. यह अपना दल है, वे सभी पिछड़ी जाति के नेता हैं. उन्हें कांग्रेस और सपा की सरकार ने उपेक्षित रखा. मोदीजी ने 40 पार्टियों को एक साथ लाया था. उन लोगों ने मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को 13वें से 5वें और तीसरे नंबर पर लाए. रवि किशन गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. निषाद समाज के लोग गोरखपुर और आसपास के निषाद समाज के लोग रवि किशन के साथ हैं.


गोरखपुर में निषाद बाहुल्य आबादी वाला क्षेत्र है. मछुआरों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पार्टी बना रखी है. कांग्रेस ने 70 साल त‍क वोट लिया और कुछ नहीं दिया. सपा-बसपा ने भी वोट लिया और कुछ नहीं दिया. फूलन देवी और अन्‍य नेताओं को मरवा दिया. सपा-बसपा और कांग्रेस के विश्वासघात को निषाद समाज को नहीं भूलना चाहिए. दिल्‍ली में जब भी उन्होंने सदन में आवाज उठाई, तो सपा के न‍ेता खुद बाहर भाग जाते थे. वे निषाद समाज के आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं.


 मछुआरा समुदाय भाजपा के साथ
डॉ संजय निषाद ने कहा कि सपा-बसपा ने लेदर मैन-मिल्कमैन की पार्टी बनाई. 30 साल में उन लोगों ने इतना सताया है. यही वजह से उन्‍होंने निषाद पार्टी बनाई. वे एमएलसी हैं. वे 8 विधायक सदन में भेज रहे हैं. पिछली सरकारों ने उनके समाज को सड़क पर छोड़ दिया. अपनी सुरक्षा और समृद्धि के लिए नीति बनाई जा रही है. इस समाज के लोगों ने पार्टी बना दिया है. मछुआरा समुदाय भाजपा के साथ है. जिस तरह यादव समाज साइकिल को वोट दे रहा है. निषाद अपनी पार्टी बना रखा है. तो वो निषाद पार्टी को वोट देगा. निषाद पार्टी भाजपा के साथ है. इसलिए भाजपा को वोट दे रहा है.


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