सोनभद्र में सोने की खदान, GSI के इन्कार के बाद योगी के मंत्री दिया बयान, कर दिया बड़ा दावा
सिद्धार्थनाथ ने अपना पूरा भाषण सोनभद्र की सोन पहाड़ी में छिपे कथित सोने पर ही केंद्रित रखा। उन्होंने बड़बोलापन दिखाते हुए कहा कि सोनभद्र में खुदाई तो पिछले 40 सालों से चल रही थी, लेकिन कामयाबी मोदी और योगी राज में ही मिल पाई।
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने सोनभद्र की सोन पहाड़ी में तीन हजार टन सोना होने से साफ इन्कार करते हुए भले ही इन दावों को पूरी तरह गलत करार दे दिया हो, लेकिन यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह अब भी इस सोने के बहाने लोगों को मालामाल होने के सपने दिखाने में जुटे हुए हैं।
योगी सरकार में सबसे काबिल मंत्री कहे जाने वाले सिद्धार्थनाथ ने प्रयागराज की एक सभा में जहां इस दावे को सौ गुना बढ़ाकर बताया वहीं उन्होंने इसकी खोज कराने का श्रेय भी पीएम मोदी और सीएम योगी को दे डाला। इतना ही नहीं सोन पहाड़ी के सोने को लेकर उन्होंने देश की अर्थव्यस्था के आसमान छूने के दावे कर डाले तो साथ ही सभा में मौजूद पिछड़े यानी ओबीसी समाज के लोगों को इस सोने का सबसे ज्यादा फायदा पहुंचने की बात भी कही। मंत्री जी भाषण के दौरान लोगों को सोने के सपने दिखाते रहे तो इसके बाद मीडिया से की गई बातचीत में भी उन्ही दावों को दोहराया।
गौरतलब है कि, दो दिन पहले यह अफवाह उड़ी थी कि सोनभद्र की सोन पहाड़ी में तीन हजार टन सोना होने की पुख्ता जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को मिली है। यह खबर जंगल में आग की तरह फैली। क्रेडिट लेने की होड़ मच गई। पहले तो सोनभद्र के खनन अधिकारी और डीएम ने गलत बयानी की। मामला 12 लाख करोड़ रूपये के सोने का था, लिहाजा नेताओं में भी इसे लेकर बयानवीर बनने की होड़ मच गई।
हालांकि, जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया यानी जीएसई ने शनिवार 22 फरवरी को ही इन खबरों को बेबुनियाद व सनसनीखेज बताते हुए इसका सिरे से खंडन करते हुए इसे पूरी तरह नकार दिया था। जीएसआई ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर इस दावे को गलत बताया था और कहा था कि वहां पिछले काफी समय से जो सर्वे चल रहा है, वह अब भी जारी है।
रविवार को प्रयागराज में वैश्यों की बारह पिछड़ी जातियों का सम्मेलन आयोजित किया गया था। आयोजकों ने इसे वैश्य महाकुंभ का नाम दिया। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ ही स्थानीय विधायक होने के नाते मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को भी बुलाया गया था।
बड़े नेताओं से पहले सिद्धार्थनाथ सिंह को भी बोलने का मौका दिया गया। सामने हजारों की भीड़ देखकर गदगद सिद्धार्थनाथ ने अपना पूरा भाषण सोनभद्र की सोन पहाड़ी में छिपे कथित सोने पर ही केंद्रित रखा। उन्होंने बड़बोलापन दिखाते हुए कहा कि सोनभद्र में खुदाई तो पिछले 40 सालों से चल रही थी, लेकिन कामयाबी मोदी और योगी राज में ही मिल पाई।
तीन हजार टन सोना होने के दावे को उन्होंने सौ गुना बढ़ाते हुए उसे तीन हजार मिट्रिक टन करार दिया। उनके मुताबिक इतना सोना मिलने के बाद देश मालामाल हो जाएगा। भारत गोल्ड के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आ जाएगा। इससे देश की अर्व्यवस्था मजबूत होगी। लोगों के पास पैसे होंगे और इस सोने का सबसे ज्यादा फायदा पिछड़े वर्ग के लोगों को होगा।
सिद्धार्थ नाथ यूपी की योगी सरकार के प्रवक्ता हैं। उनका बयान सरकार का आधिकारिक बयान माना जाता है, लेकिन अक्सर अपने बड़बोलेपन वाले बयान की वजह से विवादों में घिरने वाले सिद्धार्थनाथ इस सम्मेलन में सोने को लेकर लोगों को सपने दिखाते रहे। उनके सपनों से खिलवाड़ करते रहे और वाहवाही लूटते हुए बेबुनियाद बातों पर खुद भी क्रेडिट लेते रहे और उसमें पीएम मोदी और सीएम योगी को भी लपेटते रहे।
इतना ही नहीं सम्मेलन खत्म होने के बाद जब मीडिया ने हैरानी जताते हुए उनके दावों पर सवाल पूछा तो वहां भी वह बड़बोलापन करने से बाज नहीं आए और अपने दावे पर अड़े रहे। अब सवाल यह उठता है कि योगी सरकार के प्रवक्ता और काबिल मंत्री बिना जानकारी के ही बड़े-बड़े दावे कर रहे थे या वह जानबूझकर जुमलेबाजी कर पिछड़े वर्ग के लोगों को सोने का सपना दिखाकर उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे थे।