Danish Ansari on Mayawati: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर योगी सरकार में कराए जा रहे मदरसा सर्वे को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जब गैर सरकारी मदरसे बोझ नहीं बनना चाहते, खुद से चंदा इकट्ठा कर बच्चों को तालीम देते हैं, तो सरकार दखल क्यों दे रही है? इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बसपा सुप्रीमो को दिया है. उन्होंने कहा कि यूपी में सकारात्मक दिशा में मदरसा शिक्षा बढ़ रही है. जिस तरह दीनी तालीम और आधुनिक शिक्षा योगी सरकार ने जोड़ा है, उन्हें आगे ले जाने का काम किया है, ऐसा किसी सरकार में नहीं हुआ.


वहीं, दानिश आजाद ने बसपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मायावती की सरकार में मदरसों की हालत बदतर रही है. उन्होंने कहा कि आज मदरसों का डिजिटलीकरण हो रहा है. यहां पर एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही, इसकी शिक्षा को एनसीईआरटी के पैटर्न से जोड़ने का काम तेज हो रहा है. आज मुस्लिम नौजवान भी आधुनिक शिक्षा पा रहा है. उनकी तरक्की हो रही है. 


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'मुस्लिम को केवल वोट बैंक समझता है विपक्ष'
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि योगी सरकार में मुसलमानों का विकास हो रहा है, लेकिन मुस्लिम को केवल वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करने वाले विपक्ष को यह बात रास नहीं आ रही है. 


जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में मदरसों के सर्वे को लेकर 11 बिंदुओं की जांच हो रही है. इसको लेकर सरकार की तरफ से आला अधिकारियों को दिए गए थे. फिलहाल, सभी मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है और 15 नवंबर को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. सर्वे में पाया गया है कि उत्तर प्रदेश में करीब 7500 ऐसे मदरसे हैं, जो गैर मान्यता प्राप्त हैं. इन मदरसों को चिन्हित कर लिया गया है. अब सरकार के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी.