UP Election: विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी विधान परिषद चुनावों में जी जान से जुट गई है. विधान सभा की 36 सीटों पर चुनाव सिर पर आ गया है. अब विधान परिषद में भी बहुमत के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. स्थानीय निकायों में निर्वाचित मतदाताओं के अधिकार वाली 36 सीटों पर 15 मार्च से नामांकन शुरू हो जाएगा. 23 को स्क्रूटनी और 25 को नाम वापसी की तारीख है.


नौ अप्रैल को मतगणना और 12 को रिजल्ट घोषित किए जाएंगे. बीजेपी के लिए यह चुनाव इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विधान परिषद में पार्टी अल्पमत में है. ऐसे में विधेयक पारित कराने में मुश्किलें खड़ी होती आई है. यहां सपा की 48 और बीजेपी की 36 सीटें हैं. हालांकि सपा के आठ और बसपा के एक एमएलसी बीजेपी में आ चुके हैं. बीजेपी कुछ नये युवा चेहरे ला सकती है.


सीटों को लेकर क्या हैं आंकड़े


उच्च सदन में किसका दम रहेगा. यह निचले सदन यानी विधानसभा में पार्टियों के दमखम पर भी निर्भर करता है. आमतौर पर यह चुनाव सत्ता का ही माना जाता है. अभी तक के रिकॉर्ड तो यही कहानी बताते हैं. मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में 2004 में हुए चुनाव में सपा 36 में 24 सीटों पर काबिज हुई थी. बसपा के पास एक भी सीट नहीं थी. 2010 में जब इन सीटों पर चुनाव हुए तो बसपा सत्ता में थी. उसने 36 में 34 सीटें जीतकर लगभग क्लीन स्वीप कर लिया था. इसके बाद फरवरी-मार्च 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए तो सपा 31 सीटें जीत गई. इसमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत भी शामिल थी, जबकि पहले सपा केवल एक सीट जीती थी.


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35 सीटों पर 36 सदस्यों का होता है चयन


प्रदेश में स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 35 सीटें हैं. इसमें मथुरा, एटा और मैनपुरी सीट से दो प्रतिनिधि चुने जाते हैं, इसलिए 35 सीटों पर 36 सदस्यों का चयन होता है. अमूमन यह चुनाव विधानसभा के पहले या बाद में होते रहे हैं. इस बार 7 मार्च को कार्यकाल खत्म होने के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा के बीच में ही इसकी घोषणा कर दी थी. बाद में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर परिषद के चुनावों को टाल दिया गया. स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं. जहां तक बात कानपुर की है तो वहां सपा को गढ़ में चुनौती देने के लिए दो नाम सामने आ रहे हैं. पहला बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह का और दूसरा राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव के बेटे मोहित यादव का. ये हाल में ही बीजेपी में शामिल हुए हैं.


वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कही ये बात


मोहित यादव तो फिलहाल फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, लेकिन मानवेंद्र सिंह उनकी संभावनाओं पर पूरे कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की बात करने लगते हैं.


बीजेपी क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कही ये बात 


सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में बीजेपी संगठन ने स्थानीय निकाय के एमएलसी के नाम तय कर लिए हैं. इनमें सपा से आए कुछ एमएलसी को ही टिकट दिया जाएगा. बाकी बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम पर मुहर लगाई गई है. जल्द ही इनकी सूची जारी कर दी जाएगी.


विधान परिषद सदस्य (स्थानीय निकाय) पद के लिए टिकट हासिल करने वाले दावेदारों की सक्रियता से सियासी दलों में घमासान मचा है. बीजेपी के दावेदार कोर कमिटी के फैसले के इंतजार में हैं तो सपा में सिटिंग एमएलसी को ही रिपीट करने के कयास लगाए जा रहे हैं. विधान परिषद चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो ही चुका है. अब लोगों की नजरें गड़ी हैं उन चेहरों पर जो दावेदार के रूप में सामने आ सकते हैं. विधानसभा चुनाव के परिणाम बता चुके हैं कि कांग्रेस बसपा की क्या हालत है.


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