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UP MLC Election 2022: अलीगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी की जीत लगभग तय, इस वजह से खारिज हुआ सपा उम्मीदवार का पर्चा
UP MLC Election 2022: अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी के एमएलसी प्रत्याशी जसवंत सिंह का पर्चा निरस्त कर दिया गया है. जिसके बाद बीजेपी प्रत्याशी ऋषि पाल सिंह की निर्विरोध जीत तय हो गई है.
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(अलीगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी की जीत लगभग तय)
UP MLC Election 2022: अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी के एमएलसी प्रत्याशी जसवंत सिंह का पर्चा निरस्त कर दिया गया है. कल भारतीय जनता पार्टी के लोगों के द्वारा उनके प्रस्ताव के फर्जी होने का आरोप लगाया गया था. जिसके लिए उन्हें आज सुबह 10:00 बजे तक का समय दिया था, लेकिन सपा प्रत्याशी अपने प्रस्तावक को दिए गए समय में प्रेक्षक के सामने पेश नहीं कर सके. जिसके बाद उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया. अब बीजेपी प्रत्याशी ऋषि पाल सिंह अकेले मैदान में हैं और उनकी निर्विरोध जीत तय है.
अलीगढ़ में बीजेपी की निर्विरोध जीत तय
दरअसल मंगलवार को बीजेपी के एमएलसी प्रत्याशी के प्रतिनिधि ने चुनाव आयोग के प्रेक्षक को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सपा के एमएलसी प्रत्याशी जसवंत सिंह के 10 प्रस्तावकों में से 3 प्रस्तावक फर्जी है. जिसके बाद प्रेक्षक की तरफ से सपा प्रत्याशी को एक नोटिस कल दोपहर को जारी किया गया था, जिसमें उन्हें तीनों प्रस्तावकों को उनके सामने हाजिर करने का निर्देश था. सपा प्रत्याशी ने दो प्रस्तावको को तो हाजिर कर दिया और तीसरे प्रस्तावक के लिए आज सुबह 10:00 बजे तक हाजिर करने का समय मांगा लेकिन वो दिए गए समय तक अपने प्रस्तावक को पेश नहीं कर सके.
दरअसल मंगलवार को बीजेपी के एमएलसी प्रत्याशी के प्रतिनिधि ने चुनाव आयोग के प्रेक्षक को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सपा के एमएलसी प्रत्याशी जसवंत सिंह के 10 प्रस्तावकों में से 3 प्रस्तावक फर्जी है. जिसके बाद प्रेक्षक की तरफ से सपा प्रत्याशी को एक नोटिस कल दोपहर को जारी किया गया था, जिसमें उन्हें तीनों प्रस्तावकों को उनके सामने हाजिर करने का निर्देश था. सपा प्रत्याशी ने दो प्रस्तावको को तो हाजिर कर दिया और तीसरे प्रस्तावक के लिए आज सुबह 10:00 बजे तक हाजिर करने का समय मांगा लेकिन वो दिए गए समय तक अपने प्रस्तावक को पेश नहीं कर सके.
सपा प्रत्याशी का पर्चा हुआ खारिज
बीजेपी एमएलसी प्रत्याशी ऋषि पाल सिंह ने कहा कि हमारी आपत्ति के बाद विपक्ष का पर्चा खारिज हो गया है. अब हमारा ही पर्चा रह गया है. जाहिर है इससे उनका निर्विरोध जीतना तय हो गया है. इस खबर से बीजेपी के सभी कार्यकर्ता बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मेरे मार्गदर्शक है. इसके साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वो समाज सेवा का काम करते रहेंगे.
समाजवादी पार्टी ने लगाया ये आरोप
वहीं सपा के अधिवक्ता ने बताया कि इस बात में कोई पेच नहीं है लेकिन अधिकारियों ने पर्चा खारिज करने का मन बना लिया तो कर दिया. लेकिन इसका ग्राउंड कुछ भी नहीं है. उन्होंने ऑब्जेक्शन लगाया है कि तीन प्रस्ताव संदिग्ध हैं. ये संदिग्ध तब माने जाते हैं जब प्रस्ताव खुद आकर कहे कि मैंने साइन नहीं किए हैं. अगर थर्ड पर्सन कहता है कि वह संदिग्ध है तो उस स्थिति में पर्चा खारिज नहीं किया जा सकता. हम दो प्रस्तावक पेश कर चुके हैं लेकिन एक किसी वजह से नहीं आ सके. प्रशासन के दबाव में कार्यवाही चल रही है.
अपर जिला अधिकारी नगर राकेश कुमार पटेल ने कहा कि सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक पर आपत्ति थी. उनके हस्ताक्षर वेरीफाई करने के लिए हाजिर होना था लेकिन पर्याप्त समय देने के बाद भी नहीं आए. जिसके बाद आरपी एक्ट की धारा 36 के तहत नॉमिनेशन पेपर रिजेक्ट करने का निर्णय लिया गया.
वहीं सपा के अधिवक्ता ने बताया कि इस बात में कोई पेच नहीं है लेकिन अधिकारियों ने पर्चा खारिज करने का मन बना लिया तो कर दिया. लेकिन इसका ग्राउंड कुछ भी नहीं है. उन्होंने ऑब्जेक्शन लगाया है कि तीन प्रस्ताव संदिग्ध हैं. ये संदिग्ध तब माने जाते हैं जब प्रस्ताव खुद आकर कहे कि मैंने साइन नहीं किए हैं. अगर थर्ड पर्सन कहता है कि वह संदिग्ध है तो उस स्थिति में पर्चा खारिज नहीं किया जा सकता. हम दो प्रस्तावक पेश कर चुके हैं लेकिन एक किसी वजह से नहीं आ सके. प्रशासन के दबाव में कार्यवाही चल रही है.
अपर जिला अधिकारी नगर राकेश कुमार पटेल ने कहा कि सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक पर आपत्ति थी. उनके हस्ताक्षर वेरीफाई करने के लिए हाजिर होना था लेकिन पर्याप्त समय देने के बाद भी नहीं आए. जिसके बाद आरपी एक्ट की धारा 36 के तहत नॉमिनेशन पेपर रिजेक्ट करने का निर्णय लिया गया.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion