UP MLC Election 2022: इलाहाबाद कौशाम्बी सीट पर बीजेपी और सपा के बीच कांटे की टक्कर, जानिए- सियासी समीकरण
UP MLC Election 2022: यूपी में हो रहे विधान परिषद चुनाव के लिए इलाहाबाद कौशाम्बी सीट पर 9 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला है.
UP MLC Election 2022: यूपी में हो रहे विधान परिषद चुनाव के लिए इलाहाबाद कौशाम्बी सीट पर 9 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. यहां वैसे तो पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच है. ये सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल बनी हुई है. यहां सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की प्रतिष्ठा दांव पर है. तकरीबन महीने भर पहले आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में दोनों जिलों की पंद्रह विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सात सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. वहीं दूसरी तरफ सपा के वासुदेव यादव भी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर गए हैं.
जानिए कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी केपी श्रीवास्तव
इलाहाबाद कौशाम्बी सीट पर बीजेपी ने प्रयागराज के पूर्व मेयर डॉ केपी श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार बनाया है. वो कुछ सालों पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. इससे पहले वो समाजवादी पार्टी में थे. केपी श्रीवास्तव पेशे से डॉक्टर हैं. उनका अपना निजी अस्पताल भी है. स्थानीय स्तर पर वो बड़ा कायस्थ चेहरा माने जाते हैं. इसके अलावा वो कायस्थों की सबसे बड़ी संस्था केपी ट्रस्ट के चेयरमैन भी रह चुके हैं. जब केपी श्रीवास्तव से इस चुनाव को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में इन दिनों मोदी और योगी का जादू चल रहा है. चुने हुए प्रतिनिधियों को पता है कि सत्ता पक्ष से जुड़ा हुआ एमएलसी ही अपने क्षेत्र के लिए डबल इंजन की सरकारों से तमाम सौगातें ला सकता है. पार्टी का पूरा संगठन और सभी जन प्रतिनिधि उनके साथ हैं. मोदी-योगी के नाम के सहारे वो ये चुनाव जरूर जीतेंगे.
सपा उम्मीदवार वासुदेव यादव से कड़ी चुनौती
वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने निवर्तमान एमएलसी वासुदेव यादव पर फिर से भरोसा जताया है. वासुदेव यादव यूपी में माध्यमिक शिक्षा विभाग में तमाम बड़े पदों पर रह चुके हैं. उनकी बेटी विधानसभा का पिछ्ला चुनाव भी लड़ चुकी हैं. पंचायत चुनावों में सपा को सबसे ज़्यादा सीटें मिलने और उसके बाद विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की पंद्रह में से सात सीटों पर पार्टी की जीत से उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है. उनका दावा है कि सपा की सरकारों ने पंचायतों को जितने अधिकार दिए, उसे प्रतिनिधि अच्छी तरह समझते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी ने झूठे वायदों से लोगों को गुमराह कर विधानसभा का चुनाव किसी तरह जीत लिया, लेकिन जिस तरह महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ रही है, उससे लोगों में नाराज़गी है. इसके साथ ही वो अपने पिछले कार्यकाल के आधार पर भी वोट मांग रहे हैं.
जानिए एमएलसी चुनाव में कौन करेगा मतदान?
इलाहाबाद कौशाम्बी सीट पर कुल 5146 वोटर हैं. इस चुनाव में आम जनता वोट नहीं करती, बल्कि जनता द्वारा स्थानीय क्षेत्र में चुने हुए प्रतिनिधि वोट डालते हैं. इस सीट के चुनाव में लोकसभा के तीन सांसद, राज्यसभा के एक सांसद, पंद्रह विधायक, चार एमएलसी, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के 77 पार्षद, जिला पंचायत के सौ से ज़्यादा सदस्य, नगर पंचायतों के पार्षद, दो हज़ार से ज़्यादा ग्राम प्रधान और ढाई हज़ार से ज़्यादा बीडीसी सदस्य वोट डालेंगे. वोट डालने वाले वीआईपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, केशरी देवी पटेल, विनोद सोनकर राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह और प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी प्रमुख हैं.
प्रयागराज में चुनाव को लेकर खास तैयारी
नौ अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए कुल 33 केंद्र बनाए गए हैं. इनमें 25 प्रयागराज और आठ कौशाम्बी में हैं. प्रयागराज शहर में नगर निगम दफ्तर और जिला पंचायत दफ्तर के तौर पर दो केंद्र हैं. इसके अलावा दोनों जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर भी वोट डाले जाएंगे. चुनाव को लेकर सपा और भाजपा दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार अपनी जीत के बड़े बड़े दावे कर रहे हैं. हालांकि उनके दावों में कितना दम है, इसका फैसला तो 12 अप्रैल को होने वाली वोटों की गिनती के बाद ही हो सकेगा.