UP Politics: यूपी में टूट जाएगी तीन दशक का रिकॉर्ड, शून्य हो जाएगी मायावती की पार्टी, नामांकन की भी जरूरत नहीं!
UP MLC Election: यूपी विधान परिषद के चुनाव के बाद अब इस सदन से मायावती की पार्टी बीएसपी सीमट जाएगी. अब इस सदन में पार्टी का कोई सदस्य नहीं रहेगा. हम इसे आंकड़ों के जरिए बता रहे हैं.
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UP MLC Election 2024: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव का एलान हो चुका है. राज्यसभा चुनाव के बाद राज्य में विधान परिषद के चुनाव शुरू होंगे. इसके लिए चार मार्च से नामांकन होगा. लेकिन सबसे खास बात है कि इस चुनाव में तीन दशक में पहली बार ऐसा होगा कि बीएसपी का कोई सदस्य अब विधान परिषद का सदस्य नहीं होगा. इतना ही नहीं इस चुनाव में अगर सब कुछ सामान्य रहा तो बीएसपी का कोई सदस्य नामांकन करने की स्थिति में भी नहीं होगा.
दरअसल, विधान परिषद की 13 सीटों के लिए राज्य में चुनाव होंगे. मौजूदा वक्त में 399 विधायक हैं ऐसी स्थिति में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 29 वोट चाहिए होंगे. जबकि नामांकन करने के लिए 10 विधायक प्रस्तावक के तौर पर चाहिए होंगे. इस वजह से बीएसपी के लिए विधान परिषद चुनाव में जीतना तो दूर वर्तमान परिस्थिति में उनके उम्मीदवार का नामांकन दाखिल करना भी असंभव नजर आ रहा है. अगर ऐसा ही हुआ तो अब विधान परिषद में बीएसपी का कोई सदस्य नहीं होगा.
जीतने के लिए 29 विधायक जरूरी
हालांकि इस चुनाव में सपा की तीन सीटों पर जीत तय है. अभी वर्तमान में पार्टी के 108 विधायक हैं और दो कांग्रेस विधायकों का समर्थन मिलने की पूरी संभावना है. इस वजह से पार्टी के पास तीन सदस्यों के जीतने के बाद भी 23 विधायक बचेंगे, तो पार्टी चौथे उम्मीदवार का दावा भी कर सकती है. यानी देखा जाए तो वर्तमान में सपा के विधान परिषद में आठ सदस्य हैं और एक सदस्य का कार्यकाल एक मई को खत्म हो रहा है तो संख्या बढ़कर चुनाव के बाद 10 हो जाएगी.
दूसरी ओर बीजेपी गठबंधन के पास इस सदन में कुल 82 सदस्य हैं. इसमें से 11 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है और चुनाव के बाद 10 सदस्यों की जीत लगभग एनडीए गठबंधन से तय है. यानी पार्टी के सदस्यों की संख्या 80 के नीचे जाने की संभावना है. बता दें कि इस सदन में कांग्रेस को अब कोई भी सदस्य नहीं है. आजादी के बाद पहला मौका है कि यूपी विधान परिषद में कांग्रेस का अब कोई सदस्य नहीं है.
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