UP MLC Election: यूपी विधान परिषद की 5 सीटों पर जीत के लिए बीजेपी ने तैयार किया मास्टर प्लान, जानें क्या है तैयारी
UP MLC Election 2023: यूपी विधान परिषद की 5 सीटों पर होने वाला मुकाबले में बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. बीजेपी का दावा है कि उसकी रणनीति के आगे सबकी रणनीति फेल हो जाएगी.
UP MLC Election: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक निर्वाचन की 5 सीटों पर 30 जनवरी को वोट डाले जाने हैं. इन चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख 12 जनवरी से पहले बीजेपी (BJP) ने भी अपने पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, जबकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इन सीटों पर पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है. बीजेपी जहां पहली बार शिक्षक निर्वाचन की 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं सपा की कोशिश है कि 5 में से ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी हासिल की जाए.
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 5 सीटें जो शिक्षक स्नातक निर्वाचन की है उसके लिए बीजेपी ने जो लिस्ट जारी की उसमें अपने तीन सिटिंग एमएलसी को फिर से मौका दिया है. इस लिस्ट के सामने आने के बाद एबीपी गंगा की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी क्योंकि 3 दिन पहले बीजेपी के जिन 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम बताये थे बीजेपी ने उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी ने 5 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
शिक्षक निर्वाचन की कानपुर और झांसी इलाहाबाद सीट पर बीजेपी ने पहली बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं हालांकि कानपुर में पार्टी के नाम घोषित करने से पहले ही दिवाकर मिश्रा ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन कर दिया था लेकिन बीजेपी ने उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी की उसमें वेणु रंजन भदौरिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की कोशिश है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन पांचों सीटों पर जीत हासिल की जाए जिससे चुनाव से पहले जनता के बीच पार्टी के मैसेज दे सके.
बीजेपी ने जीत को लेकर किया दावा
बीजेपी प्रवक्ता अवनीश त्यागी का कहना कि बीजेपी के अनुशासित पार्टी है और यहां जिसे पार्टी अधिकृत उम्मीदवार बनाती है वही चुनाव मैदान में उतरता है. कानपुर में दिवाकर मिश्र ने जो पर्चा भरा है पार्टी उनसे बातचीत कर रही है. वहीं शिक्षक स्नातक चुनाव के लिए बीजेपी अब अभियान भी चलाने जा रही है. जिसमें वोटर संपर्क अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा 21 से 23 जनवरी के बीच मतदाता सम्मेलन भी उन 39 जिलों में किया जाएगा, जहां शिक्षक स्नातक की 5 सीटों के लिए वोटिंग होनी है.
जिन जिलों में वोटिंग होगी वहां से आने वाले विधायक भी साफ तौर पर दावा कर रहे हैं कि इस बार बीजेपी सभी पांचों सीट जीत लेगी और समाजवादी पार्टी का किसी भी सीट पर खाता भी नहीं खुलेगा उन्हें भरोसा है कि बीजेपी ने जो रणनीति तैयार की है उसके आगे किसी सबकी रणनीति फेल हो जाएगी.
जोर-शोर से चुनाव की तैयारी में जुटी सपा
समाजवादी पार्टी ने इन पांचों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा बीते वर्ष ही कर दी थी और पार्टी की तैयारी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रबुद्धजनों का चुनाव माने जाने वाले इस इलेक्शन में जीत हासिल की जाए क्योंकि अगर समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी पानी है तो उसके लिए कम से कम 1 सीट पर जीत हासिल करना जरूरी है. अभी विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के केवल 9 सदस्य हैं और उनके पास नेता विपक्ष की कुर्सी नहीं है क्योंकि संख्या बल के लिहाज से नेता विपक्ष के लिए 10 सदस्य होने जरूरी है ऐसे में समाजवादी पार्टी पूरे जोर-शोर से चुनाव में जुटी है. सपा नेता मनोज पांडे का दावा है कि पांचों सीटों पर सपा के पक्ष में ही फैसला आएगा.
जाहिर है इन 5 सीटों पर होने वाला चुनाव जितना बीजेपी के लिए अहम है उतना ही समाजवादी पार्टी के लिए भी अहम हो जाता है और इसके अलावा शिक्षक खंड निर्वाचन की सीटों पर अलग-अलग शिक्षक गुटों का भी कब्जा रहा है ऐसे में शिक्षक गुट भी इस कोशिश में है कि वह लंबे समय से अपने कब्जे में रही सीटों पर अपनी जीत बरकरार रखें.
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