UP MLC Elections 2023: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक निर्वाचन की पांच सीटों पर 30 जनवरी को वोट डाले जाने हैं. इन चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख 12 जनवरी तक है. इससे पहले बीजेपी (BJP) ने भी अपने पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. जबकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. लेकिन इस चुनाव ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए एक चैलेंज भी खड़ा कर दिया है.


सपा के लिए एमएलसी चुनाव में जीत दर्ज करने एक बड़ी चुनौती होगी. हालांकि पार्टी कोशिश करेगी कि पांच में से ज्यादा से ज्यादा सीट पर जीत दर्ज की जा सके. लेकिन विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी हालिस करने पार्टी के लिए चैलेंज होने जा रहा है. दूसरी ओर बीजेपी हर सीट पर जीत का दावा कर रही है. इसके लिए पार्टी ने अपने पुराने तीन एमएलसी को फिर से उम्मीदवार बनाया है. जिसकी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी.


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बीजेपी नेताओं का दावा
एमएलसी चुनाव में जीत के लिए बीजेपी वोटर संपर्क अभियान चलाने जा रही है. दूसरी ओर 21 से 23 जनवरी के बीच मतदाता सम्मेलन भी होगा. इसके लिए बीजेपी के विधायक से लेकर सांसद तक पूरी तरह से मैदान में जुट चुके हैं. डिप्टी सीएम ने भी दावा किया है कि सपा का इस चुनाव में खाता नहीं खुलेगा. बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि ऐसी रणनीति बन रही है, जिससे विपक्ष की रणनीति फेल हो जाएगी. 


दूसरी ओर सपा को विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी पानी है. उसके लिए पार्टी को कम से कम एक सीट पर जीत हासिल करना होगा. अभी विधान परिषद में सपा के अभी केवल नौ सदस्य हैं. इस वजह से उनके पास नेता विपक्ष की कुर्सी नहीं है. क्योंकि नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए 10 सदस्यों का होना जरूरी है. इस वजह से ये चुनाव सपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि यूपी विधान परिषद में कुल सौ सीटें हैं.