UP MLC Elections 2023: यूपी विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल कर सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी वापस पाने की कोशिश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) जुटी हुई है. विधान परिषद चुनाव के लिए मुद्दों को धार देने और वोटरों से व्यक्तिगत संपर्क की रणनीति पर सपा काम कर रही है. इसके लिए सपा हर जिलों में एक्टिव नजर आ रही है.
सपा ने हर जिले में विधायकों और सांसदों से लेकर प्रभावी लोगों को जमीन पर उतारा गया है. जिन पांच सीटों पर विधान परिषद चुनाव होना है, उनमें एक भी सपा के पास नहीं है. वैसे तो सपा पांचों ही सीटों पर चुनाव लड़ रही लेकिन मुख्य फोकस स्नातक कोटे की तीनों सीटों पर ही है. इसके लिए 18 जिलों में प्रभारी भी घोषित किए गए हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, लालजी वर्मा और अंबिका चौधरी जैसे अनुभवी चेहरों को कमान सौंपी है.
इन मुद्दों पर बीजेपी को घेरने की तैयारी
पार्टी के ये सभी नेताओं को 18 जिलों में वोटर से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है. हर वोटर से व्यक्तिगत संपर्क करने की रणनीति पार्टी ने बनाई है. सपा पुरानी पेंशन, बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. परिषद के चुनाव में अगर सपा को जीत मिली तो सदन में पार्टी की स्थिति न केवल बेहतर होगी बल्कि नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी पार्टी के पास आ जाएगी.
सपा के अभी विधान परिषद में नौ सदस्य हैं, नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए पार्टी के पास सदन में 10 सीटें होना जरूरी है. लेकिन पिछली बार एक सीट कम होने के चलते पार्टी को झटका लगा था और सपा से विधान परिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी छिन गई थी. लेकिन इस बार पार्टी एक सीट जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.