UP MLC Elections 2023: यूपी विधान परिषद में अभी दो सीट खाली, कांग्रेस साफ, जानें BJP-BSP और सपा समेत इन पार्टियों के कितने हैं सदस्य
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में छह सदस्यों के मनोनीत होने के बाद भी दो सीटें खाली हैं. वहीं सदन में अब कांग्रेस (Congress) पार्टी का कोई प्रतिनिधि नहीं बचा है, जबकि बीजेपी (BJP) के सबसे ज्यादा सदस्य हैं.
UP MLC Elections: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मनोनीत कोटे की खाली छह सीटों पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति तारिक मंसूर (Tariq Mansoor) और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र (Nripendra Misra) के पुत्र साकेत मिश्र (Saket Mishra) समेत छह प्रमुख लोगों को मनोनीत किया गया है. यूपी शासन के विशेष सचिव चंद्रशेखर ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी.
निर्वाचन अनुभाग से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने विधान परिषद की रिक्तियों में छह व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया है. जारी अधिसूचना के मुताबिक रजनीकांत माहेश्वरी, साकेत मिश्रा, लालजी निर्मल, तारिक मंसूर, रामसूरत राजभर और हंसराज विश्वकर्मा को मनोनीत किया गया है. बीजेपी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों के लिए छह नाम प्रस्तावित किए थे, जिनमें तारिक मंसूर तथा साकेत मिश्र समेत ये सभी छह नाम शामिल थे.
किस पार्टी के कितने सदस्य?
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अधिकारियों के अनुसार, राज्यपाल विधानमंडल के उच्च सदन में 10 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं. वर्तमान में 100 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बीजेपी के 74 सदस्य हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नौ, बहुजन समाज पार्टी, अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और शिक्षक दल (गैर-राजनीतिक) के एक-एक सदस्य हैं. जबकि सदन में अब कांग्रेस को कोई सदस्य नहीं है.
इसके अलावा स्वतंत्र समूह और निर्दलीय के दो-दो सदस्य हैं. आठ सीटें फिलहाल खाली थी, जिनमें छह का मनोनयन होने के बाद अब सिर्फ दो सीटें खाली रह गयी हैं. बीजेपी सूत्रों ने पहले बताया था कि साकेत और मंसूर के अलावा सूची में अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल, यूपी भाजपा ब्रज क्षेत्र इकाई के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, बीजेपी वाराणसी जिला इकाई के अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा और आजमगढ़ के अधिवक्ता रामसूरत राजभर के भी नाम शामिल हैं.