UP MLC Elections Result 2023: उत्तर प्रदेश एमएलसी चुनाव में (MLC Elections Results) एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने परचम लहरा दिया है. बीजेपी को चार सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं, वहीं प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का खाता तक नहीं खुल पाया है. इस चुनाव में सपा को एक बार फिर से करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं इस हार के साथ ही सपा का यूपी विधानपरिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी पाने का सपना एक बार फिर से अधूरा रह गया है.


दरअसल, यूपी विधानपरिषद में 100 सीटें हैं जिनमें से समाजवादी पार्टी के पास सिर्फ 9 सदस्य हैं. विधानपरिषद में नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए कम के कम दस फीसद सीट होना जरुरी होता है. ऐसे में अगर सपा इन चुनाव में कम से कम एक सीट भी जीत लेती तो उसे नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल जाती. सपा ने इन चुनावों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाई थी और अपने 18 अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारा था, लेकिन अखिलेश यादव को यहां भी हार का स्वाद चखना पड़ा.


पांचों सीटों पर हारी समाजवादी पार्टी


एमएलसी चुनाव की बात करें तो बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक सीट, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट, कानपुर-उन्नाव स्नातक खंड और झांसी-इलाहाबाद शिक्षक खंड सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. दूसरी ओर कानपुर शिक्षक खंड की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर चंदेल ने जीत दर्ज की है.


अखिलेश यादव के सियासी करियर को देखा जाए तो उनके नेतृत्व में सपा को लगातार हार का ही सामना करना पड़ रहा है. साल 2012 में अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि तब पार्टी की कमान उनके पिता मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी. लेकिन जब से अखिलेश यादव ने पार्टी कमान संभाली है तब से लगातार सपा का हार का ही सामना करना पड़ रहा है. इस बीच अखिलेश ने कभी कांग्रेस से हाथ मिलाया तो कभी मायावती से गठजोड़ किया. लेकिन हर बार पार्टी चुनाव हारती रही है. 


अखिलेश यादव को बार-बार मिली हार


- अखिलेश यादव ने साल 2017 में समाजवादी पार्टी की कमान संभाली थी. इस दौरान चाचा शिवपाल यादव से उनके विवाद की खूब चर्चा हुई. सपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया. 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा सिर्फ 47 सीटों पर ही सिमट कर रह गई.


- लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया, लेकिन सपा को सिर्फ पांच सीटें मिलीं.


- विधानसभा 2022 में अखिलेश यादव ने यूपी की छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया, इस बार भी सपा को हार का सामना करना पड़ा, हालांकि सपा की सीटों में बढ़ोतरी जरूर हुई और 2022 विधानसभा चुनाव में सपा को 111 सीटें मिलीं.


- विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हुए. ये दोनों सपा के गढ़ माने जाते रहे हैं, लेकिन इन उपचुनाव में सपा के हाथ से दोनों सीटें निकल गईं.


- इसके बाद मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. इनमें मैनपुरी और खतौली में सपा को जीत जरूर मिली, लेकिन रामपुर विधानसभा सीट जिसपर बरसों से पार्टी का कब्जा था वो अखिलेश के हाथों से निकल गई.


- पिछले एक दशक से समाजवादी पार्टी निगम चुनाव और पंचायत चुनाव में भी लगातार हारती आ रही है. अब अखिलेश यादव के खाते में एक और हार दर्ज हो गई है.


उत्तर प्रदेश में अभी निगम चुनाव होने हैं और 2024 में लोकसभा चुनाव हैं. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में एमएलसी चुनाव में मिली हार के बाद सपा के सामने चुनौतियां और बढ़ गईं हैं.


ये भी पढ़ें- UP MLC Elections Result: यूपी एमएलसी चुनाव के रिजल्ट पर सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?