यूपी, एमपी समेत कई राज्यों में 'बुलडोजर' बना सियासी सिंबल, जानें- कीमत से लेकर इसके बारे में सबकुछ
Bullozer Politics: दुनियाभर में जहां बुलडोजर का इस्तेमाल सिर्फ खुदाई और तोड़फोड़ जैसे कामों के लिए होता है, वहीं भारत में इन कामों के साथ-साथ यह राजनीति के केंद्र में भी रहता है.
Bullozer Making and Price: देश के अलग-अलग राज्यों में इन दिनों बुल्डोजर का, शासन-प्रशासन द्वारा इस्तेमाल चर्चा का विषय बना हुआ है. यूपी में इसी साल 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान बुल्डोजर की खासी चर्चा रही. वहीं हाल ही में भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने, गुजरात (Gujarat) में बुलडोजर बनाने वाली कंपनी जेसीबी (JCB) के प्लांट पहुंचकर उसका उद्घाटन किया. इस समय जब बुलडोजर, अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने से लेकर अपराधियों की संपत्तियों पर कार्रवाई का प्रतीक बन गया है, तो ऐसे में जान लेना जरूरी है कि आखिर बुलडोजर कौन सी कंपनियां बनाती हैं और भारत में इसकी कीमत क्या है.
कहां होता है तैयार
दरअसल भारत में मुख्य रूप से बुलडोजर, जेसीबी कंपनी के द्वारा बनाया जाता है. इसका नाम बुलडोजर या जेसीबी नहीं है, बल्कि इसका नाम Backhoe Loader है. बताते चलें कि JCB का पूरा नाम जोसफ सायरिल बम्फोर्ड (Joseph Cyril Bamford) है. इस कंपनी ने 1979 में दिल्ली के पास बल्लभगढ़ में अपनी पहली फैक्ट्री के साथ भारत में निर्माण कार्य शुरू किया था, वर्तमान में जयपुर और पुणे सहित देश में इसके छह कारखाने हैं. कंपनी के मुताबिक भारत 2007 से हर साल जेसीबी का सबसे बड़ा बाजार रहा है और आज भारत में बिकने वाली दो कंसट्रक्शन मशीन में से एक जेसीबी द्वारा बनाई जाती है.
क्या है इन मशीनों की कीमत
ब्रिटेन के ये कंपनी भारत में काफी सफल है. वहीं जेसीबी कई मॉडल्स में इन मशीनों को यहां पर बेचती है, जिसकी अलग-अलग कीमत होती है. बुलडोजर नाम से मशहूर हो चुकी इन मशीनों की कीमत एक वेबसाइट के मुताबिक 27 लाख रुपये के आसपास होती है. जानकारी के मुताबकि जेसीबी के चेयरमैन लॉर्ड बैमफोर्ड ने कहा कि अपने पूर्ण उत्पादन के पहले वर्ष में, जेसीबी इंडिया ने सिर्फ 39 मशीनों का निर्माण किया था, वहीं अब अगले साल तक कुल 5 लाख मशीने हम बना चुके होंगे.
क्यों चर्चा में है बुलडोजर
दुनियाभर में जहां बुलडोजर का इस्तेमाल सिर्फ खुदाई और तोड़फोड़ जैसे कामों के लिए इस्तेमाल होता है वहीं भारत में इन कामों के साथ-साथ यह राजनीति के केंद्र में भी रहता है. हाल ही में यूपी से लेकर एमपी और दिल्ली तक इसका इस्तेमाल कभी अवैध अतिक्रमण को हटाने तो कभी अपराधियों और आरोपियों के घरों और ठिकानों को तोड़ने के लिए इस्तेमाल की गई. वहीं विपक्षी पार्टियां इस तरह की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताकर सरकार को घेर रही हैं.
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