(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Nikay Chuanv: यूपी निकाय चुनाव पर आरक्षण पर फंसा पेच, सपा और बीजेपी में जमकर चल रही जुबानी जंग
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा 20 दिसंबर तक यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना पर रोक लगाए जाने के बाद अब बीजेपी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जुबानी जंग तेज हो गई है.
UP Nagar Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों के एलान पर हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर तक रोक लगा दी है. इसे लेकर अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी में बयानबाजी शुरू हो गई हैं. बीजेपी कह रही है कि कोर्ट केस के पीछे सपा के लोग हैं तो वहीं सपा कह रही है कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों ने अपनी मनमर्जी के हिसाब से निकाय चुनाव में आरक्षण करा लिया. सियासी दलों के बीच बयानबाजी जारी है लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव लंबा खींचता जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में एक तरफ तो निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा का इंतजार था. लेकिन हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अधिसूचना जारी करने पर 20 दिसंबर तक रोक लगा दी. कोर्ट में ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला आरक्षण में लागू न होने को लेकर यह रोक लगाई है. भले ही रोक हाईकोर्ट ने लगाई हो लेकिन इसे लेकर प्रदेश में सियासत चरम पर है. सत्ताधारी बीजेपी कह रही है कि इस पीआईएल के पीछे सपा के लोग हैं, सपा पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप बीजेपी लगा रही है.
सपा और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप
वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो साफ तौर पर इसे सपा की साजिश बता रहे है तो वहीं जिस विभाग पर इस स्थानीय निकाय चुनाव को कराने की जिम्मेदारी है. उस नगर विकास विभाग के मुखिया अरविंद कुमार शर्मा भी सपा को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सरकार के मंत्री अब इसके लिए सपा को जिम्म्मेदार बता रहे हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हो या फिर पूर्व कैबिनेट मंत्री सबका कहना है कि सभी को पता है कि कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर कौन गया है.
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वहीं अखिलेश यादव ने एक बार फिर कहा है कि दरअसल सरकार के कुछ मंत्रियों ने अधिकारियों के साथ अपने मन मुताबिक आरक्षण करा लिया है. इसी के चलते इसमें इतनी खामियां हैं. जिसके चलते कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है. जबकि कोर्ट में ट्रिपल टेस्ट फार्मूले को लेकर सुनवाई जारी है तो वहीं स्थानीय निकाय चुनाव में किन्नर समाज के लिए भी सीट रिजर्व करने की मांग हो रही है.
किन्नर को टिकट देने की मांग
एक तरफ जहां हाईकोर्ट में इसे लेकर रिट दायर की गई है तो वहीं किन्नर बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चीफ जस्टिस और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर किन्नर समाज के लिए भी सीट रिजर्व करने की मांग की है. जाहिर है सियासी बयानबाजी एक तरफ लेकिन जिस तरह से आरक्षण का मसला उलझा है, ऐसे में कोर्ट अगली सुनवाई पर क्या कुछ आदेश देता है वह भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.
वहीं बीजेपी नेता और किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने पार्टी से मांग की है कि इस बार के स्थानीय निकाय चुनाव में किन्नर समाज के लोगों को भी टिकट दिया जाए. सोनम किन्नर का कहना है कि इस बारे में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन से भी बात की है.