UP Nagar Nikay Chunav 2022: निकाय चुनाव से पहले चढ़ा मेरठ का सियासी पारा, AIMIM ने कुछ ऐसे की सपा की घेराबंदी
UP Nagar Nikay Chunav: निकाय चुनाव से पहले मेरठ का सियासी तापमान चढ़ गया है. एआईएमआईएम ने सपा की घेराबंदी के लिए बैनर वार छेड़ा है. शहर में विधायक और मेयर की गुमशुदगी वाला पोस्टर लगाया है.
UP Nagar Nikay Chunav 2022: निकाय चुनाव से पहले मेरठ (Meerut) में एआईएमआईएम (AIMIM) ने सपा (SP) की घेराबंदी के लिए बैनर वार छेड़ दिया है. सपा विधायक रफीक अंसारी और मेयर सुनीता वर्मा की गुमशुदगी का बैनर लगने से सियासी पारा चढ़ गया है. एआईएमआईएम आगे भी बड़ा दांव चलने की तैयारी में है. सपा ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का स्टंट बताया है. मेरठ विधानसभा सीट से सपा विधायक हाजी रफीक अंसारी गुमशुदा हैं? सपा की मेयर सुनीता वर्मा भी लापता हैं? दोनों की लापता और गुमशुदगी के बड़े-बड़े बैनर मेरठ में देखे जा सकते हैं.
निकाय चुनाव से पहले चढ़ा मेरठ का सियासी पारा
हर तरफ मेयर और शहर विधायक की गुमशुदगी के बैनर निकाय चुनाव से पहले नए सियासी हमले को हवा दे रहे हैं. बैनर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम की तरफ से लगाए गए हैं. गुमशुदगी के बैनर लगाने की वजह इस्लामबाद, विकासपुरी, बुनकरनगर, ताला फैक्ट्री इलाके में जलभराव की समस्या है. इन इलाकों की गलियां बारिश बंद होने के बावजूद जलमग्न हैं. ज्यादातर गलियों में पानी भरा है. नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारियों और मेयर सुनीता वर्मा ने आंखें मूंद ली हैं. निगम में आने वाला ये इलाका बदहाली पर आंसू बहा रहा है. एआईएमआईएम के महानगर अध्यक्ष इमरान अंसारी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सपा विधायक रफीक अंसारी और मेयर सुनीता वर्मा की थाने में गुमशुदगी दर्ज कराएंगे.
एआईएमआईएम ने सपा की घेराबंदी बैनर से की
गुमशुदगी के बैनर पोस्टर लगने पर सपा विधायक रफीक अंसारी बेहद खफा हैं. उन्होंने कहा है कि कानूनी राय ली जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि एआईएमआईएम की सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का मात्र स्टंट है. उन्होंने आगे कहा कि ना ओवैसी यूपी में सपा का कुछ कर पाए और ना आगे कोई उम्मीद है. नए पैंतरे से साफ हो जाता है कि सपा को निकाय चुनाव में घेरने का एआईएमआईएम कोई मौका नहीं छोड़ेगी. हार जीत का फैसला जनता के हाथ में है, लेकिन एआईएमआईएम साइकिल की राह मुश्किल जरूर कर सकती है. अभी से सपा को घेरने की रणनीति पर कहा जा सकता है कि मेरठ निकाय चुनाव का सियासी तापमान काफी हाई रहनेवाला है.