UP Nikay Chunav: यूपी में अप्रैल-मई तक टल सकता है निकाय चुनाव, जानें- क्या हैं तीन प्रमुख वजह?
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) का फैसला आने के बाद यूपी नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं. लेकिन अब ये चुनाव अप्रैल या मई तक टलने की संभावना है.
UP Nagar Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. लेकिन अब सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव अप्रैल-मई तक टल सकता है. ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के लिए आयोग बनाकर इसे तय करने में करीब चार से पांच महीने लग सकते हैं. इसी बीच ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट और बोर्ड परीक्षाएं (UP Borad Exam) भी होनी है. इन सब को देखते हुए अप्रैल-मई से पहले चुनाव कराना संभव नहीं दिखता है.
2017 में नगर निकाय चुनाव के लिए 27 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की गई थी. तब तीन चरणों में संपन्न हुए चुनाव की मतगणना एक दिसंबर को हुई थी. इस हिसाब से समय पर चुनाव के लिए सरकार को अक्टूबर में ही अधिसूचना जारी करनी थी. लेकिन नगर विकास विभाग की लचर तैयारी से चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई. निकायों के वार्डों का आरक्षण ही दिसंबर में हुआ. विभाग मान रहा था कि 14 या 15 दिसंबर तक चुनाव आयोग को कार्यक्रम सौंप देगा. लेकिन मामला हाईकोर्ट में फंस गया.
अधिसूचना जारी होने में देरी की वजह
रैपिड सर्वे से लेकर आरक्षण की अधिसूचना जारी करने को लेकर कई स्तर पर चूक हुई. सूत्रों के अनुसार हर बार निकाय चुनाव में स्थानीय निकाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन इस बार रैपिड सर्वे से लेकर आरक्षण तय करने तक की प्रक्रिया से निदेशालय को दूर रखा गया. इस काम में अनुभवी के स्थान पर नए अधिकारियों को लगा दिया गया.
नगर विकास विभाग में सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2010 में दिए उस फैसले का ध्यान नहीं रखा, जिसमें निर्देश थे कि चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले आयोग का गठन कर आरक्षण किया जाएगा. विभाग ने नए नगर निकायों में रैपिड सर्वे कराते हुए, पिछड़ों की गिनती कराई और आरक्षण तय कर दिया. पुराने निकायों में सर्वे ही नहीं कराया. वहीं हाईकोर्ट के फैसले से सरकार की किरकिरी हुई है. माना जा रहा है किसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है.