UP Nagar Nikay Chunav 2022: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) पीठ ने मंगलवार को यूपी सरकार की नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) की अधिसूचना को लेकर फैसला सुनाया. जिसमें कोर्ट ने अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी (OBC) आरक्षण के कराने का आदेश दिया. इसके साथ ही पीठ ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य श्रेणी की सीटें मानते हुए निकाय चुनाव को 31 जनवरी, 2023 तक करा लिया जाए.


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए ओबीसी आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर हाई कोर्ट का यह फैसला आया. हाई कोर्ट ने ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल पहले सरकार को ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला’ अपनाने की बात कही थी. लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद भी उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. 


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तीन चरण में लागू होता है ये फॉर्मूला
दरअसल, ये पूरा मामला ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ को लेकर शुरू हुआ है. ये ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला’ लागू करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाता है. नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण तय इस आयोग का गठन होना चाहिए था. ये आयोग ही हर निकाय में पिछड़ेपन का आकलन करता है. आयोग के आकलन के बाद ही सीटों के लिए आरक्षण को प्रस्तावित किया जाता है. इसके बाद फॉर्मूले का दूसरा चरण लागू किया जाता है. 


‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के दूसरे चरण में ओबीसी की संख्या पता की जाती है. आयोग के आकलन के आधार पर ये संख्या पता की जाती है. इसके बाद फॉर्मूले के तीसरे चरण में सरकार के स्तर पर आयोग के आकलन और संख्या को सत्यापित किया जाता है. इसके बाद आकलन के आधार पर सरकार इसे लागू करती है.