UP Nikay Chunav: यूपी में AAP की कितनी मजबूत है जमीन? विधानसभा चुनाव में NOTA से भी बुरी हालत में थी पार्टी, देखें आंकड़े
UP Nikay Chunav 2023: यूपी में निकाय चुनाव की रणभेरी बजने का इंतजार है. फिलहाल सरकार OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आयोग की रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
UP Nikay Chunav 2023: दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) एक ओर जहां राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में अपना दम दिखाने को तैयार है तो वहीं अब उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में भी पार्टी ने उतरने का मन बना लिया है. आम आदमी पार्टी ने साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई थी.
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी कई रैलियां की थी लेकिन पार्टी को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिल सके. राज्यसभा सांसद और AAP के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने रविवार को कहा कि पार्टी राज्य के सभी 633 नगर निकायों में प्रभारी घोषित करेगी और जनता के मूल मुद्दों की आवाज बनकर चुनाव मैदान में उतरेगी.
UP Nikay Chunav: यूपी में निकाय चुनाव लड़ने की योग्यता क्या है? आप भी तैयारी कर रहे हैं तो जान लीजिए
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि AAP को जिन नगर निकायों में AAP को सफलता मिलती है घरों के टैक्स हाफ कर दिए जाएंगे और पानी का टैक्स माफ कर दिया जाएगा. संजय सिंह ने कहा कि हमारा नारा होगा "हाउस टैक्स हाफ, वाटर टैक्स माफ." उन्होंने कहा कि लखनऊ समेत जिस नगर निकाय में मौका मिलेगा, पार्टी अपना वादा पूरा करेगी.
साल 2022 में क्या थे आंकड़े?
हालांकि आगामी नगर निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी की राह आसान नहीं दिख रही है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले थे. पार्टी प्रदेश की सभी 403 में से 377 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे सिर्फ 0.38 फीसदी वोट ही मिले थे. जबकि इसी चुनाव में 0.69 फीसदी लोगों ने नोटा चुना था.
उस चुनाव में AAP के सिर्फ एक प्रत्याशी को 20,000 से अधिक वोट मिला था. बस्ती जिले की रुधौली विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे पुष्करादित्य सिंह को 24,367 वोट मिले थे. इसके अलावा खलीलाबाद सीट से AAP के प्रत्याशी सुभाष चंद्र दूबे को 25,123 वोट मिले थे. दीगर है ये वो विधानसभा सीटें थीं, जहां खुद सीएम अरविंद केजरीवाल प्रचार करने गए थे. यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी के कई प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी.