UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में सपा (Samajwadi Party) और आरएलडी (RLD) गठबंधन में टिकट को लेकर तकरार इतनी बढ़ गई है कि गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. पश्चिमी यूपी में आरएलडी ने जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारे उनमें कई सीटों पर अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशी उतारकर जयंत चौधरी को सीधी चुनौती दे डाली. इससे नाराज मेरठ के आरएलडी नेताओं ने अब मेरठ की महापौर सीट पर सपा के सामने आरएलडी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर ली. सपा आरएलडी में शुरू हुई इस जंग के बाद गठबंधन की 2024 की राह भी मुश्किल हो सकती है.


पश्चिमी यूपी की सियासत ने अचानक ऐसी करवट बदली कि गठबंधन में तकरार शुरू हो गई. आरएलडी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद सपा ने जो लिस्ट जारी की उसने आग में घी डालने का काम कर दिया. मेरठ से शुरू हुई ये तकरार पश्चिम की कई सीटों पर पहुंची तो गठबंधन में दरार पड़नी शुरू हो गई. लखनऊ और दिल्ली तक फोन घन घनाने लगे. चर्चाएं आम हो गई कि क्या गठबंधन में फूट पड़ गई है क्या गठबंधन टूटने वाला है. नौबत तो यहां तक आ गई कि अब आरएलडी इतनी गुस्से में है कि मेरठ महापौर सीट पर सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान के सामने आरएलडी ने प्रत्याशी उतारने का एलान कर सपा को चुनौती दे डाली है. आरएलडी नेताओं का कहना है कि जंग आर पार की होगी. गठबंधन धर्म में आरएलडी खुद को ठगा महसूस कर रही है. 


अब गठबंधन के रार की वजह बताते हैं


- यूपी में 17 नगर निगम हैं और एक भी सीट आरएलडी को न मिलने से आरएलडी कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस कर रहें हैं.


- मेरठ की मवाना नगर पालिका से आरएलडी ने अय्यूब कालिया को प्रत्याशी बनाया तो सपा ने यहां से दीपक गिरी को टिकट दे दिया.


- बागपत की खेकड़ा सीट पर आरएलडी ने रजनी धामा को मैदान में उतारा तो सपा ने संगीता धामा को साइकिल से प्रत्याशी बना दिया.


- आरएलडी के गढ़ बड़ौत में सपा ने रणधीर प्रधान को प्रत्याशी बना दिया, इससे आरएलडी का पारा और चढ़ गया.


- शामली में कांधला नगर पालिका में रालोद ने मिर्जा फैसल बेग को मैदान में उतारा तो सपा ने नजमुल इस्लाम को प्रत्याशी बना दिया.


- मुजफ्फरनगर में शहर पालिका सीट पर सभासदों की संख्या को लेकर सपा आरएलडी में तकरार है.


हालांकि बाद में सपा ने बागपत और बड़ौत नगर पालिका पर आरएलडी के समर्थन की बात कहकर डैमेज कंट्रोल करने का काम किया, लेकिन बात बनती नहीं दिख रही, क्योंकि आरएलडी आर पार की लड़ाई के मूंड में है. जयंत के फैसले पर अखिलेश का फैसला आरएलडी नेताओं को ज्यादा नागवार गुजर रहा है. अब आरएलडी यदि मेरठ या अन्य सीटों पर अपने भी प्रत्याशी उतारेगी तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है. हालांकि सपा नेताओं का कहना है कि बातचीत से मामला हल हो जाएगा.


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गठबंधन की तकरार बढ़ी तो हलचल लखनऊ और दिल्ली तक सुनाई भी दे रही है और दिखाई भी, लेकिन कौन किस पर भारी पड़ेगा और किसकी राह का रोड़ा बनेगा ये वक्त तय करेगा.