UP Nagar Nikay Chunav 2023: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों (UP Nikay Chunav) के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अनुसूचित जाति (SC) की सीट के आरक्षण पर उसकी मसौदा अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
सरकार ने 30 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी कर भागीदारों से आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण के संबंध में अपनी आपत्तियां देने को कहा था. अभिनव त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल की पीठ ने राज्य सरकार को छह अप्रैल, 2023 तक प्राप्त सभी आपत्तियों पर कानून के मुताबिक निर्णय लेने को कहा.
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कोर्ट ने क्या दिया निर्देश?
अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि यह आदेश इसी तरह के अन्य मामलों पर भी लागू होगा जिसमें आपत्तियां तय समय सीमा के भीतर दाखिल की गई हैं. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई, 2023 को करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार छह अप्रैल, 2023 को शाम छह बजे तक प्राप्त सभी आपत्तियों पर निर्णय करने के लिए बाध्य है.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि उन्हें याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दी गई दलील पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि राज्य के अधिकारी पूरे राज्य में तय समय सीमा के भीतर प्राप्त सभी आपत्तियों पर विचार करने के लिए बाध्य हैं. इससे पहले न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी निवासी विकास अग्रवाल द्वारा आरक्षण सम्बंधी अधिसूचना को चुनौती देने के लिए दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका में 30 मार्च को आरक्षित सीटों के लिए जारी अधिसूचना में नगर पंचायत निघासन की सीट आरक्षित किए जाने को चुनौती दी गई थी.