UP Nikay Chunav 2023: इटावा की इस नगर पंचायत में क्यों है टिकट की इतनी मारामारी? चुनावी गणित है सबसे अलग
Etawah Nagar Panchayat: पूर्व बीजेपी चेयरमैन सौरभ दीक्षित का दावा है कि इकदिल नगर पंचायत में जल निकासी की समस्या का समाधान मेरे कार्यकाल में किया गया. लोगों को बड़ी संख्या में आवास भी उपलब्ध कराए गए.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: इटावा (Etawah) जिले में 3 नगर पालिका परिषद एवं 3 नगर पंचायतों में एक इकदिल नगर पंचायत को सबसे प्राचीन नगर पंचायत का दर्जा मिला हुआ है. इकदिल नगर पंचायत का गठन 1 जुलाई 1916 को अंग्रेजी हुकूमत में हुआ था. सन 1917 में नगर पंचायत एक दल के पहले अध्यक्ष गुरु प्रसाद सक्सेना बने थे. सन 1916 में नगर पंचायत अधिनियम एक्ट बनाया गया था, जिसके तहत 5000 की आबादी वाले ग्राम को नगर पंचायत का दर्जा मिला था. क्षेत्रफल के आधार पर इकदिल में 10 वार्ड बनाए गए हैं, जिसमें 10 सभासदों को जनता के द्वारा चुना जाता है. वर्तमान में इकदिल नगर पंचायत की आबादी 15,000 है, जिसमें सर्वाधिक जनसंख्या अन्य पिछड़ा वर्ग की 7 हजार के करीब है. वहीं 5 हजार की आबादी अनुसूचित जाति की है एवं 3 हजार की आबादी सामान्य वर्ग के लोगों की है.
इस बार नगर पंचायत इकदिल की सीट को अनुसूचित जाति महिला के लिए रिजर्व किया गया है, जिसके चलते पहली बार इकदिल में कोई महिला अध्यक्ष पद पर चुनकर आएगी, जिसके लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों में टिकट पाने की लंबी होड़ लगी हुई है. वहीं सबसे ज्यादा टिकट के लिए मारामारी भारतीय जनता पार्टी में है. हालांकि इससे पहले चुनावों में अभी तक 1 दिन नगर पंचायत में सभी प्रत्याशी निर्दलीय जीत कर आए हैं. बाद में भले ही उन अध्यक्षों ने किसी ना किसी पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 में हुए निकाय चुनाव में इकदिल नगर पंचायत से निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर सौरभ दीक्षित चुनाव जीत कर आए थे, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.
11 मई को होंगे यहां चुनाव
दूसरे चरण में 11 मई को इकदिल नगर पंचायत के साथ ही इटावा जिले में निकाय चुनाव होंगे. आने वाले चुनाव में सबसे बड़े चुनावी मुद्दे की अगर बात की जाए तो 1 दिन में जलभराव की समस्या से लोग काफी परेशान है, जिसको लेकर कुछ लोगों का कहना है कि वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि पिछले 15 सालों से अधिक बीत जाने पर भी जलभराव की समस्या का हल नहीं किया गया है. वहीं आवारा गोवंश और बेरोजगारी भी बड़े चुनावी मुद्दे बन सकते हैं.
पूर्व बीजेपी चेयरमैन ने क्या कहा
पूर्व भाजपा चेयरमैन सौरभ दीक्षित की मानें तो राष्ट्रीय राजमार्ग जीटी रोड जिसका निर्माण शेरशाह सूरी के समय में किया गया था. इस राजमार्ग से जुड़े होने के चलते इकदिल का अपना ऐतिहासिक महत्व भी है. इकदिल मुगलकालीन समय से अस्तित्व में है, जब दिल्ली से चलकर पूरब की ओर जाने वाली मुगल सेना इकदिल सराय में रुकती थी.
इटावा जिले में सबसे पहले इकदिल नगर पंचायत का गठन सन 1916 में हुआ था. वहीं पूर्व बीजेपी चेयरमैन सौरभ दीक्षित दावा करते हैं कि इकदिल नगर पंचायत में होने वाली जल निकासी की समस्या का समाधान मेरे कार्यकाल में किया गया. वहीं लोगों को बड़ी संख्या में आवास भी उपलब्ध कराए गए. पूर्व चेयरमैन सौरभ दीक्षित चौकी निर्दलीय चुनाव जीत कर आए थे एवं भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने दावा किया कि इस बार इक दिल नगर पंचायत से भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने जा रही है.
बीजेपी जिला अध्यक्ष ने क्या कहा
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि टिकटों के नाम को लेकर हमारी पार्टी में कोर कमेटी एवं स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो चुकी है और जल्द ही नामों की घोषणा कर दी जाएगी, जो लोग लिस्ट में नाम आगे ना जाने पर पार्टी या मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, वह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. आरोप लगाना आसान है, लेकिन उन आरोपों को सिद्ध करना बेहद ही कठिन है.
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