UP Nagar Nikay Chunav 2023: कानपुर मेयर के लिए होगा दिलचस्प मुकाबला, बीजेपी और सपा-बसपा के ये हैं संभावित प्रत्याशी
UP Nikay Chunav 2023: कानपुर नगर निगम के लिए मेयर पद के चुनाव के लिए 110 वार्ड में 535 मतदान केंद्र बनेंगे. जिसमें 1752 मतदान स्थल पर वोटिंग होगी, कानपुर नगर निगम चुनाव के लिए कुल 2217517 मतदाता हैं.
UP Nagar Nikay Chunav 2023 Date: यूपी निकाय चुनाव की तारीखों के एलान के बाद से ही सभी दलों की तैयारी शुरू हो गई है. इसी बीच निकाय चुनाव में टिकट को लेकर भी कई नेता दावा कर रहे हैं, वहीं कानपुर मेयर पद के लिए बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस के 12 संभावित प्रत्याशी हैं जो टिकट का दावा कर रहे हैं. कानपुर नगर निगम के लिए मेयर पद के चुनाव के लिए 110 वार्ड में 535 मतदान केंद्र बनेंगे. जिसमें 1752 मतदान स्थल पर वोटिंग होगी, कानपुर नगर निगम चुनाव के लिए कुल 2217517 मतदाता हैं.
ये हैं बीजेपी के संभावित प्रत्याशी
प्रमिला पांडे
निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडे का दावा फिलहाल सबसे मजबूत माना जा रहा है. हालांकि बीजेपी सूत्रों की तरफ से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक इनका टिकट कट सकता है. प्रमिला पांडे इससे पहले नगर निगम में पार्षद भी रह चुकी हैं और उनके मजबूत दावे के पीछे उनके ऊपर यूपी विधनसभा अध्यक्ष सतीश महाना का हाथ होना बताया जा रहा है. अपने कार्यकाल में मुस्लिम क्षेत्रों में मंदिरों को लेकर प्रमिला पांडे काफी चर्चा में रही हैं.
कमलावती सिंह
वर्तमान में यूपी बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से करीबियों के चलते संभावित प्रत्याशियों की सूची में दूसरे स्थान पर नजर आती हैं. कमलावती सिंह जिले से ज्यादा प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहती हैं जिसका फायदा उन्हें लखनऊ से मिल सकता है. वह महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
पूनम कपूर
राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं और सतीश महाना, विधायक सुरेंद्र मैथानी से बढ़िया तालमेल है, इसलिए इनके पक्ष में भी टिकट जा सकता है. जिले में भी काफी पदों में पार्टी में काम किया है और काफी पुरानी बीजेपी कार्यकर्ताओं में एक मानी जाती हैं.
अनीता गुप्ता
वर्तमान में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के पद पर काबिज हैं, इसके पहले अनिता गुप्ता कानपुर दक्षिण जिले की बीजेपी अध्यक्ष रह चुकी हैं. सीधी और सौम्य माने जाने वाली अनीता गुप्ता वैश्य समाज से ताल्लुक रखती हैं और इनकी स्थानीय स्तर पर सभी नेताओं से बढ़िया ताल्लुकात इनके पक्ष में जा सकते हैं.
नीतू सिंह
कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी हैं, कई शिक्षण संस्थानों और होटल का संचालन करती हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली पसंद बताई जा रही हैं. कानपुर के मशहूर बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह के परिवार की बहु होने के चलते सीधे संघ प्रमुख मोहन भागवत से बातचीत और उनका आशीर्वाद मिल सकता है. ऐसे में पचौरी गुट के गैर ब्राह्मण को महापौर पद पर चुनाव लड़ाने के मंसूबे भी पूरे हो सकते हैं.
ये हैं समाजवादी पार्टी के संभावित प्रत्याशी
वंदना अमिताभ बाजपेई
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी वंदना अमिताभ बाजपाई पार्टी की सबसे बड़ी उम्मीदवार बताई जा रही हैं. राजनैतिक रूप से अपने पति के चुनावों में सक्रिय रही हैं. खुद एक राजनैतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. पिछले दिनों सपा विधायक इरफान सोलंकी के मामले में जिस तरह अमिताभ बाजपेई ने सरकार को घेरा उसके बाद से ही मुस्लिम क्षेत्रों में ये चर्चा आम है कि अमिताभ बाजपेई की पत्नी को महापौर का चुनाव लडना चाहिए. सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जनवरी महीने में खुद अमिताभ बाजपेई को तैयारी करने के निर्देश दे चुके हैं.
नीलम रोमिला सिंह
ईसाई समुदाय से आने वाली नीलम रोमिला सिंह, अखिलेश यादव सरकार में अल्पसंखयक आयोग की सदस्य रही हैं. नेताजी मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव की बेहद करीबी रही हैं. जिनको मेयर के संभावित प्रत्याशियों में माना जा रहा है.
अंजिला वर्मा
खाटी समाजवादी पार्टी परिवार की अंजीला वर्मा का नाम भी खूब चर्चा में है. ओबीसी तबके से आने वाली अंजिला पूर्व पार्षद रही हैं और उनके पति योगेश वर्मा सपा नेता हैं. पार्टी के महिला संगठन में अंजिला महत्वपूर्ण योगदान दे चुकी हैं.
मणि ओमर
सपा नेता कमलेश ओमर की पत्नी मनी ओमर का नाम शहर के दोनों विधायकों के मुंह से सुना जा सकता है. वैश्य समाज से अगर पार्टी किसी को उम्मीदवार बनाती है तो मनी ओमर का दावा मजबूत माना जा रहा है.
ये हैं कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी
उषा रत्नाकर शुक्ला
सपा छोड़ने के बाद ऊषा रत्नाकर शुक्ला अब कांग्रेस में काफी समय बिता चुकी हैं और पिछली बार की तरह इस बार भी मेयर का टिकट मांग रही हैं. साल 1996 में उषा रत्नाकर शुक्ला समाजवादी पार्टी की तरफ से महापौर का चुनाव लड़ी थीं लेकिन उन्हें बीजेपी की सरला सिंह से हार का मुंह देखना पड़ा था. उसके बाद 1998 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी और तबसे वो UP कांग्रेस में प्रदेश सचिव और महिला कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं. ऊषा डबल MA और हिंदी से पीएचडी हैं.
वंदना मिश्रा
साल 2017 के निकाय चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार वंदना मिश्रा को बीजेपी की प्रमिला पांडे से हार का मुंह देखना पड़ा था. हालांकि वंदना मिश्रा को मिले 3 लाख वोटों ने कांग्रेस के इस खासकर चुनाव में ग्राफ को बढ़ाया था. पुराने कांग्रेसी आलोक मिश्रा दो बार कल्याणपुर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पत्नी वंदना मिश्रा कई शिक्षण संस्थानों का संचालन करती हैं.
आश्नि अवस्थी
यूपी कांग्रेस में प्रदेश सचिव विकास अवस्थी की पत्नी आश्नी अवस्थी का भी नाम चर्चा में है. आश्नि प्रदेश महिला कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रह चुकी हैं. जबकि इनके पति विकास अवस्थी युवा इंटेक के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
प्रतिभा अटल पाल
ओबीसी समाज से आने वाली प्रतिभा अटल पाल पिछले दिनों चर्चा में रहीं क्योंकि राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में वो हर पल मौजूद रहीं. उत्तर प्रदेश से एकमात्र महिला प्रतिभा अटल पाल रहीं जिन्होंने कन्या कुमारी से कश्मीर तक 3850KM की यात्रा की. वर्तमान में कर्नाटक की हासन सीट की प्रभारी का दायित्व निभाकर वापस लौटी हैं और उन्नाव लोकसभा का प्रभार भी इनके पास है. फिलहाल उत्तर प्रदेश कांग्रेस में सचिव पद का काम संभाल रही हैं.
ये हैं बसपा के संभावित उम्मीदवार
अर्चना निषाद
निषाद जाति से ताल्लुक रखने वाली अर्चना निषाद एक बार फिर से महापौर पद के लिए मैदान में ताल ठोक रही हैं. साल 2017 में अर्चना निषाद बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं लेकिन चौथे नंबर पर रही थीं.
सुनीता पाल
बीएसपी के जोनल कॉर्डिनेटर अनिल पाल की पत्नी हैं जो इससे पहले पार्षद पद के लिए भी चुनाव लड़ चुकी हैं. माना जा रहा है कि सुनीता पाल को पार्टी के बड़े नेता महापौर पद की लड़ाई में अपना आशीर्वाद देकर पार्टी का संभावित प्रत्याशी बना सकते हैं.