(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Nikay Chunav 2023: कानपुर नगर निगम की लड़ाई को शिवपाल यादव ने बनाया दिलचस्प, बन रहे ये समीकरण
UP Nikay Chunav 2023 Date: वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कहा कि कानपुर में महापौर पद के लिए बीजेपी ने नीतू सिंह का नाम फाइनल कर दिया था. लेकिन, 24 घंटे के अंदर आईपीएल मैच की तरह कैंडिडेट बदला गया.
UP Nagar Nikay Chunav 2023 : समाजवादी पार्टी (SP) की नजर कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) पर लगी हुई है. सपा के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कानपुर नगर निगम के रुख को भांपते हुए शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को विशेष तौर पर यहां के लिए उतार दिया है. दरअसल शिवपाल सिंह यादव का कानपुर क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है.
बन रहे ये समीकरण
कानपुर से सपा प्रत्याशी अमिताभ बाजपाई की पत्नी वंदना बाजपाई के लिए जो समीकरण बनते दिख रहे हैं, वो काफी प्रबल हैं. अमिताभ बाजपेई खेमे की मानें तो ब्राह्मणों में कानपुरवाद और बाहरी का सुर्रा भी छेड़ दिया गया है. भ्रष्टाचार का मुद्दा भी बीजेपी को बैकफुट पर धकेलता हुआ दिख रहा है. कुल मिलाकर सपा ये मान कर चल रही है कि वह अपनी पूरी ताकत झोंक कर कानपुर नगर निगम पर पहली बार कब्जा कर सकती है.
सपा ने सबके समीकरण बिगड़े
उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में कानपुर नगर निगम का चुनाव काफी दिलचस्प और रोचक बन पड़ा है. अब तक महापौर पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में कांटे की टक्कर देखी जाती रही है. लेकिन, ऐसा पहली बार देखा जा रहा है जब समाजवादी पार्टी ने सभी सियासी दलों के समीकरणों को फिलहाल गड़बड़ा दिया है.
ब्राह्मणों की भूमिका महत्वपूर्ण
कानपुर महापौर पद के लिए होने वाले चुनाव क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. ब्राह्मण को बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है. इन्हीं समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस ने आशनी अवस्थी के रूप में ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतारा. लेकिन, समाजवादी पार्टी ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी वंदना बाजपेई को चुनावी मैदान में उतारकर बीजेपी के खेमे में चिंता की लकीरें पैदा कर दी है.
प्रमिला पांडे को प्रत्याशी बनाने से नाराजगी
वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कहा कि इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि कानपुर में महापौर पद के लिए बीजेपी ने करीब-करीब नीतू सिंह का नाम फाइनल कर दिया था. लेकिन, 24 घंटे के अंदर आईपीएल मैच के रोमांच की तरह कैंडिडेट को बदला गया. यहां पर फिर से प्रमिला पांडे को पार्टी ने अपना महापौर पद का प्रत्याशी बना डाला. लेकिन, बीजेपी के कई दिग्गज प्रमिला पांडे को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज हो गए हैं.
क्या कहा विधायक ने जानिए
सपा को ऐसा लग रहा है कि कानपुर नगर निगम में बनी स्थितियों के बीच अगर सर्वस्व झोंक दिया जाता है तो यह सीट आ सकती है. इसीलिए दिग्गज समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव को विशेष तौर पर जिम्मेदारी दी गई है. शिवपाल सिंह यादव प्रत्याशी वंदना बाजपाई के केंद्रीय कार्यालय के उद्घाटन के साथ-साथ पार्टी के पक्ष में समीकरण बनाने में जुट गए हैं. अमिताभ बाजपेई ने ब्राह्मणों को बीजेपी से काटकर सपा के पक्ष में लाने के लिए सरयूपारीण ब्राह्मण और कान्यकुब्ज ब्राम्हण का राग कानपुरवाद और बाहरी प्रत्याशी के रूप में छेड़ दिया है.
विधायक ने प्रमिला पांडेय पर लगाए ये आरोप
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि बीजेपी में नाराजगी और मान मनौव्वल का दौर चल रहा है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने घर घर जाकर धुआंधार प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है. उसके साथ ही समाजवादी पार्टी के नेताओं के बोल भ्रष्टाचार को लेकर तीखे होते जा रहे हैं. अमिताभ बाजपेई बंटी टैक्स की गूंज के बीच वसूली और तमाम तरह की प्रताड़ना के आरोप भी खुलकर प्रमिला पांडे पर लगा रहे हैं.
तीन बिंदुओं पर सपा का फोकस
शिवपाल सिंह यादव की फुल प्रूफ रणनीति, अमिताभ बाजपाई द्वारा सपा विधायक इरफान सोलंकी के मामले में डटकर खड़े रहने की नीति के बाद सपा के पक्ष में पूरी तरह से मुस्लिम वोटरों की गोलबंदी की संभावना और बीजेपी की मेयर प्रत्याशी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बड़ा हमला. ये ऐसे तीन बिंदु हैं, जिन पर फिलहाल समाजवादी पार्टी ने पूरा फोकस कर दिया है. इसका नतीजा पार्टी कम से कम कानपुर नगर निगम पर अपना कब्जा करते हुए पहली बार पार्टी का महापौर बनाने के रूप में देख रही है.
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