UP Nagar Nikay Chunav 2023: कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अजय कपूर पार्टी के प्रचार में पूरी तरह सड़क पर उतर चुके हैं. अबतक निष्क्रिय दिख रहे अजय कपूर की सक्रियता ने राजनीतिक दलों के सियासी समीकरणों को गड़बड़ा दिया है. जानकर बता रहे हैं कि अजय कपूर की सक्रियता समाजवादी पार्टी के मंसूबों पर पानी फेर सकती है. इधर अजय कपूर कांग्रेस की महापौर पद की प्रत्याशी आशनी विकास अवस्थी और वार्डों के पार्षदों के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार की लड़ाई भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. 


अजय कपूर का कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी के सिपाही हैं और उनके नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं. अजय कपूर की इन बातों ने सपा खेमे में खलबली मचा दी है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो अबतक ये कहा जा रहा था कि अजय कपूर का व्यक्तिगत वोट बैंक उनकी निष्क्रियता के चलते सपा के खेमे में जा सकता है, लेकिन अजय कपूर ने पिछले कुछ दिनों में सड़क पर उतर कर ऐसा लगता है कि मोर्चा संभाल लिया है. 


कांग्रेस का महापौर होने जा रहा- अजय कपूर
अजय कपूर का कहना है कि नगर निगम महापौर का चुनाव देश बनाने या प्रदेश बनाने का चुनाव नहीं है बल्कि यह कानपुर बनाने का चुनाव है. कानपुर में लोग सबको देख चुके हैं और कांग्रेस पार्टी को भी देखा है. ऐसे में लगता है कि लोग कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं, लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ है. कानपुर का विकास अवरुद्ध है, उस पर लोग वोट करने जा रहे हैं, लगता है कि कांग्रेस पार्टी का महापौर होने जा रहा है.


अजय कपूर का कहना है कि वे कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही हैं और उनके लोग पूरी ताकत लगाएंगे. पार्टी के लिए ज्यादा से ज्यादा पार्षद जीतेंगे और महापौर के प्रत्याशी भी कांग्रेस पार्टी की ही होगी. यह जनता का निर्णय है. कानपुर में ही बीजेपी की कांग्रेस से लड़ाई होती है. कानपुर की जनता जागरूक है और यह चुनाव पार्टी से ऊपर उठकर लोगों के विश्वास को लेकर है. कानपुर में तीसरा कोई लड़ता ही नहीं है. 


पिछले चुनाव में कौन जीता
अब जानिए कि ऐसा क्यों माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के समीकरण गड़बड़ा गए हैं. दरअसल किदवई नगर विधानसभा में कुल 17 वार्ड हैं. पिछली बार यहां से कांग्रेस के 4 पार्षदों ने जीत दर्ज की जबकि 3 निर्दलियों ने अजय कपूर के आशीर्वाद से जीत दर्ज की. इस बार अजय कपूर ने एबीपी गंगा से ऑफ द रिकॉर्ड कम से कम 10 पार्षद अपने क्षेत्र से जिताने का दावा कर दिया है. 


किदवई नगर विधानसभा में जातिगत समीकरण


-1 लाख 30 हजार ब्राह्मण
-वैश्य 40 हजार
-25 हजार मुस्लिम
-ओबीसी 30 हजार
-25 हजार सिंधी पंजाबी
-45 हजार दलित


विधानसभा में किसे कितने वोट मिले
साल 2022 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी के महेश त्रिवेदी को 1 लाख 14 हजार 111 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अजय कपूर को 76 हजार 391 वोट मिले थे. यहां समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब था, जिसे कुल 8,397 वोट मिले थे. वहीं बीएसपी को 3,846 वोट जबकि आम आदमी पार्टी को 1129 वोट मिले थे. कुल 3 लाख 48 हजार 167 वोटर इस विधानसभा में हैं. विधानसभा के 17 वार्ड में 4 कांग्रेस के पार्षद रहे जबकि 3 निर्दलीय पार्षद भी पक्ष में रहे. बागी निर्दलीय पार्षद योगेंद्र सिंह, सुनील कनौजिया, जितेंद्र सचान रहे जिन्हें अजय कपूर का आशीर्वाद प्राप्त था. 


कुछ यही समीकरण अजय कपूर की सक्रियता के बाद अगर बने तो समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपाई के मंसूबे तार तार हो सकते हैं. हालांकि उनका कहना है कि कानपुर की जनता दलगत जाति भावना से हटकर इस बार परिवर्तन के मूड में दिख रही है. 


कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी हो सकते हैं अजय कपूर
वहीं जानकारों की मानें तो अजय कपूर की सक्रियता समाजवादी पार्टी के समीकरणों को गड़बड़ कर सकती है. अभी तक यह माना जा रहा था कि अजय कपूर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में उतनी मजबूती से प्रचार-प्रसार में नहीं जुड़ेंगे जितना वह पार्टी के लिए करते आए हैं, लेकिन जानकार बता रहे हैं कि साल 2024 में होने वाले चुनाव में अजय कपूर कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी हो सकते हैं. इसलिए उन्हें अपनी सक्रियता और दमखम दोनों ही पार्टी को दिखाना होगा. विशेष बात यह कि किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में अजय कपूर के व्यक्तिगत माने जाने वाले वोट बैंक को उन्हें महापौर के चुनाव में पार्टी के खाते में हर हाल में लाना होगा.


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