UP Nikay Chunav 2023: कासगंज (Kasganj) एक ऐसी नगरपालिका (Nagar Palika) परिषद है, जिसका गठन ब्रिटिश काल में चुंगी के रूप में हुआ. चुंगी घर के रूप में शुरू हुई यह नगरपालिका 1904 आते आते अपने नगरपालिका के असली स्वरूप में आ गई. कासगंज नगर पालिका परिषद की स्थापना ब्रिटिश काल में 1904 में हुई.
पुराने समय से कारोबारी गतिविधियों का केंद्र रहने वाला यह कस्बा समय के साथ नई ऊंचाइयों को छूता चला गया. कासगंज कस्बे की समृद्धाता को देखते हुए अंग्रेजों ने इसे नगरपालिका अधिनियम के तहत पंच घर का दर्जा दिया. इसमें शहर की व्यवस्था का प्रबंध चलाने का जिम्मा पंच घर को सौंपा जाता था. नगर पालिका की स्थापना से पूर्व चुंगी घर के रूप में ब्रिटिश कानून के मुताबिक सिविल सुविधाएं संचालित होती थी.
स्थापना के 32 साल बाद नगर पालिका को मंजूरी
यहां नगरपालिका का चुंगी घर भी 1872 में स्थापित किया गया. चुंगी घर स्थापना के 32 साल बाद नगरपालिका को मंजूरी मिली. स्वतंत्रता से पूर्व नगरपालिका नागरिकों को सामुदायिक सुविधाएं देने लगी. बाजार, पार्क, साफ- सफाई और शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. वहीं कासगंज में बिजली की व्यवस्था 1939 में की गई. इससे पहले रौशनी के लिए लैंप के माध्यम से की जाती थी.
आजादी के बाद 22 चेयरमैन चुने गए
1939 में सेठ किशोरी लाल की चेयरमैनशिप में नगरपालिका में इलेक्ट्रिक ऑफिस की स्थापना की गई. एससी गुप्ता इस नगरपालिका ऑफिस के पहले इंजीनियर थे और सब ओवर्शेअर आरएनएल गुप्ता से विद्युत व्यवस्था की सौगात मिलने पर कासगंज के लोग बेहद खुश हुए. पुराने लोगों को आज भी वो खुशी याद आ जाती है. नगरपालिका में स्वतंत्रता के बाद से अब तक 22 चेयरमैन चुने गए. स्वतंत्रता के बाद पहले चेयरमैन 1947 से 1948 तक वीरेंद्र गुप्ता रहे. 1970 तक नगर पालिका में 13 चेयरमैन चुने गए, जिनके द्वारा नगर की बेहतरी के लिए अनेकों अनेक काम किए गए.
पहली महिला चेयरमैन थीं डॉ शशि लता चौहान
नवंबर 1988 में 14वें चेयरमैन के रूप में जगदीश नारायण होना चुने गए. इसके बाद 15वीं चेयरमैन के रूप में पहली बार महिला चेयरमैन डॉ शशि लता चौहान चुनी गईं. इसके बाद उन्होंने लगातार 17 18 19वीं चेयरमैन के तौर पर भी कासगंज नगर पालिका में कार्य किया. बीच में 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 1992 तक चौधरी नुरुल हसन नगरपालिका के चेयरमैन रहे.
साथ ही बीच में राजेंद्र बौहरे भी चेयरमैन रहे. वहीं रजनी साहू कासगंज नगर पालिका की 22वीं चेयरमैन रहीं. 1970 कासगंज नगर पालिका में 19 वार्ड थे. इसके बाद इसके बाद 1975 में विस्तार करके 25 वार्ड कर दिए गए.
Umesh Pal Case: शाइस्ता परवीन की फरारी में मदद करने वालों के नाम आए सामने, सात वकील भी मददगार