UP Nagar Nikay Chunav 2023: मेरठ (Meerut) में समाजवादी पार्टी की काट के लिए बसपा मुखिया मायावती (Mayawati) मुस्लिम कार्ड खेलने की तैयारी में हैं. लखनऊ में तीन नाम पर गहन मंथन और चिंतन चल रहा है. पूर्व सांसद और पूर्व मेयर शाहिद अखलाक के भाई हाजी राशिद अखलाक, हशमत मलिक और बड़े कपड़ा कारोबारी सलीम अंसारी सहित एक अन्य मुस्लिम नेता के नाम पर चर्चा चल रही है. अगर बीएसपी ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा तो फिर सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान को बड़ा नुकसान हो सकता है. 


दरअसल, मेरठ में मुस्लिमों की आबादी चार लाख से ज्यादा है और एससी वोटर डेढ़ लाख से ज्यादा हैं. बावजूद इसके सपा ने यहां मुस्लिम की बजाय गुर्जर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाली सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दे दिया. इतनी बड़ी आबादी होने के बाद टिकट न मिलने से मुस्लिम नाराज हैं. 


नसीम कुरैशी को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया
कांग्रेस ने नसीम कुरैशी को प्रत्याशी बनाया है. मुस्लिमों की इसी नाराजगी और मेरठ सीट के समीकरण को देखते हुए बीएसपी यहां मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती है. एक बात और है बीएसपी से अय्यूब अंसारी और बीएसपी से ही हाजी शाहिद अखलाक भी मेरठ में महापौर रह चुके हैं. मायावती को लगता है कि मुस्लिम को प्रत्याशी बनाने में हर्ज नहीं है और चौथी बार बसपा यहां जीत सकती है. हालांकि मेरठ जोन मंडल कोर्डिनेटर प्रवेश जाटव का कहना है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. बहनजी का को आदेश होगा उसी को लड़ाएंगे और बसपा इस सीट पर जीतेगी.


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बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी काफी है और कई सीट पर वे जीत हार को प्रभावित करने की कूवत रखते हैं. अब इसमें मुस्लिमों पर सबकी पैनी नजर है और मुस्लिमों का दिल सपा, बसपा में से कौन जीतेगा ये बेहद अहम है. यूपी निकाय चुनाव के नतीजे से ये तस्वीर साफ हो जाएगी कि मुस्लिमों को साइकिल की सवारी पसंद है या फिर हाथी की चिंघाड़.