(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव को लेकर क्या है अयोध्या के संतों और दुकानदारों की राय? जानिए यहां
UP Nagar Nikay Chunav: दुकानदारों ने कहा, दिल का कमल बुझा हुआ है तो हाथ का कमल कैसे खिला सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी दुकानदार थे जिन्होंने कहा कि अगर विकास होगा तो कुछ ना कुछ तो कुर्बानी करनी पड़ेगी.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी नगर निकाय चुनाव में सभी राजनीतिक दल गली मोहल्ले में अपना प्रचार प्रसार युद्ध स्तर पर कर रहे हैं. अयोध्या (Ayodhya) में 11 मई को मतदान किया जाएगा. क्या इस बार एक बार फिर अयोध्या में कमल खिलेगा या फिर कोई अन्य पार्टी सेंधमारी कर सकती है यह अयोध्या की जनता 11 मई को तय करेगी. अयोध्या में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर अयोध्या के चौड़ीकरण में प्रभावित दुकानदारों ने कहा कि जब दिल का कमल बुझा हुआ है तो हाथ का कमल कैसे खिला सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी दुकानदार थे जिन्होंने कहा कि अगर विकास होगा तो कुछ ना कुछ तो कुर्बानी करनी पड़ेगी.
राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि बहुत ही अच्छी बात है जो गिरीशपति त्रिपाठी को बीजेपी ने मेयर प्रत्याशी बनाया है. वह बहुत ही अच्छे हैं. बहुत ही योग्य व्यक्ति हैं. हम अयोध्या वासियों से अनुरोध करेंगे कि इन्हीं को चुनें और इनका कार्यकाल देखें कि कितना सुंदर है और किस प्रकार से काम करते हैं.
हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि जिस दिन विपक्ष ने रामचरितमानस को जलाया उसी दिन विपक्ष जल गया. जो यह कहे कि सपा की सरकार बनेगी तो रामचरितमानस को बैन करेंगे, जो यह कहे कि हम शूद्र हैं, भगवान कृष्ण का अपमान कर दिया, वो विपक्षी कमजोर है. इसलिए ट्रिपल इंजन की सरकार बनने जा रही है.
दुकानदारों ने किया ये दावा
दुकानदार अजय साहू ने कहा कि चौड़ीकरण में हमारा भी मकान टूटा है जिस हिसाब से मुआवजा होना चाहिए था उस हिसाब से हुआ. सभी लोग बीजेपी से खफा हैं, लेकिन अभी तक हमने सोचा नहीं है कि किसको वोट देना है. मुआवजा सही होता तो सभी लोग बीजेपी का साथ देते, अब तो नुकसान होगा ही जो रोड की दुकान टूट गई है सब सभी लोग परेशान हैं. उचित मुआवजा मिला नहीं है.
दुकानदार मेवालाल ने कहा कि फिर से कमल तो खिलेगा ही लेकिन थोड़ा नुकसान हम लोगों को हुआ ही है. भीड़ बढ़ रही है उससे हम लोगों को फायदा भी होगा इसलिए हम लोगों को नुकसान की तकलीफ थोड़ा बहुत तो है ही लेकिन हम लोग फिर भी खुश हैं.