UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब पार्टी के सामने एक बड़ी मुसीबत हैं उनके वे अपने जो बागी हो गए हैं. सबसे बड़ी बात ये कि सपा इस समय अपने ही घर या कहे गढ़ में घिरती नजर आ रही है. आलू पट्टी में पार्टी के कई बागी नेता मुसीबत बनते नजर आ रहे हैं. पार्टी के नेताओं को जिस समय प्रचार अभियान में जुट होना चाहिए उस समय मान मनौव्वल का दौर चल रहा है.


आइये, अब आपको बताएं कि सपा के सामने ऐसे हालात आखिर क्यों बने. सपा के गढ़ इटावा में पार्टी ने इदरीश को टिकट दिया तो दो बार के चेयरमैन रहे जहीर अंसारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने अपने आगे के पत्ते अभी नहीं खोले हैं. भरथना में अजय यादव को टिकट मिलने पर मनोज पोरवाल बागी होकर बसपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बसपा से अपनी पुत्रवधू वर्तिका को मैदान में उतार दिया है.


इसी तरह जसवंतनगर में पार्टी उम्मीदवार सत्यनारायण के खिलाफ पार्टी के ही वरिष्ठ नेता राजेंद्र दिवाकर ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर पर्चा भरा है. बात लखना कि करें तो सपा ने पहले सतीश को उम्मीदवार बनाया, लेकिन बाद में अगले ही दिन प्रदीप तिवारी के नाम की घोषणा हो गई. ऐसे में टिकट काटने से नाराज सतीश अब बसपा के टिकट पर मैदान में हैं. इसी तरह बकेवर में पहले अरबउल्ला खां को उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर सपा ने रेशमा को टिकट दे दिया. ऐसे में अरबउल्ला खां निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं.


बात औरैया की करें तो सपा ने पहले विपिन गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया और अगले दिन ब्रह्मानंद गुप्ता के नाम की घोषणा कर दी गई. अब दोनों ही चुनावी मैदान में हैं. कन्नौज सदर में सपा ने यासमीन को उम्मीदवार बनाया तो हाजी रईस अहमद बागी होकर बसपा से मैदान में आ गए हैं. मैनपुरी में सुमन वर्मा को सपा ने उम्मीदवार बनाया तो पूर्व चेयरमैन साधना गुप्ता बागी हो गईं हैं. इसी तरह अकबरपुर में सपा ने वंदना निगम को प्रत्याशी बनाया तो जितेंद्र सिंह ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक दी है.


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