UP Nikay Chunav 2023: सपा को इटावा में आखिर क्यों सता रहा डर? मतदान से पहले रामगोपाल यादव कर रहे पैदल यात्रा
Etawah Nikay Chunav 2023: इटावा नगरपालिका परिषद की सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है. वोटिंग से पहले रामगोपाल यादव ने शहर में घूम-घूमकर व्यापारियों से मुलाकात की.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: गुरुवार (11 मई) को होने वाले निकाय चुनाव से पहले सपा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) इटावा (Etawah) पहुंचे. उन्होंने शहर में पैदल घूम घूम कर व्यापारियों से मुलाकात की. मीडिया से बातचीत में रामगोपाल यादव ने उम्मीद जताई कि पहले चरण की तरह दूसरे चरण के मतदान में भी सपा को अच्छा वोट मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन के निष्पक्ष रहने से सपा की जीत सुनिश्चित है. फिल्म 'द केरला स्टोरी' को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री किए जाने के फैसले पर सपा नेता ने कहा बीजेपी सरकार चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार की पोल खुलती जा रही है.
इटावा क्या होगा मुस्लिम वोट का ध्रुवीकरण?
इटावा में मुस्लिम वोट के ध्रुवीकरण पर उन्होंने साफ किया कि चुनाव में व्यक्ति मायने नहीं रखता है बल्कि पार्टी मायने रखती है. बता दें कि कल दूसरे चरण के मतदान में समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत लगा रखी है. मंगलवार को चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रोफेसर रामगोपाल यादव का आज पैदल घूम घूमकर शहर में व्यापारियों से मुलाकात करना बहुत मायने रखता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार के निकाय चुनाव में मजबूत पकड़ रखनेवाली सपा कहीं न कहीं असुरक्षित महसूस कर रही है.
मतदान से पहले मैदान में रामगोपाल यादव
बीजेपी ने वरिष्ठ नेता स्वर्गीय अशोक दुबे की पत्नी कुसुम दुबे को प्रत्याशी घोषित किया है. बसपा से चुनाव लड़ रहीं गुलनाज अंसारी शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे इदरीस अंसारी की बहू हैं. नामांकन के दिन सपा ने गुलनाज अंसारी को झटका देते हुए टिकट ज्योति गुप्ता को दे दिया. हालांकि गुलनाज अंसारी का सपा से टिकट फाइनल था. ज्योति गुप्ता रामगोपाल यादव के करीबी पूर्व निर्दलीय चेयरमैन कुलदीप गुप्ता की पत्नी हैं.
इस वजह से इटावा में रामगोपाल यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है. मुस्लिम समुदाय की 50 हजार की आबादी में बड़े पैमाने पर वोटों का ध्रुवीकरण देखा जा रहा है. बसपा की गुलनाज अंसारी और सपा प्रत्याशी ज्योति गुप्ता के बीच कांटे की टक्कर होनेवाली है. सपा का मुस्लिम कोर वोटर खिसकता देख रामगोपाल यादव ने मोर्चा संभाल लिया है. सपा के लिए इस बार का निकाय चुनाव आसान नहीं रहनेवाला है. मुस्लिम वोट के ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
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