UP Nikay Chunav 2023: बस्ती में गणेशपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद सपा का असली उम्मीदवार कौन? कार्यकर्ता कंफ्यूज
UP Nagar Nikay Chunav: बस्ती में सपा की तरफ से प्रत्याशी के नाम का एलान जी का जंजाल बन गया है. एक ही पार्टी की तरफ से दो कैंडिडेट घोषित होने के बाद कार्यकर्ताओं में दुविधा की स्थिति पैदा हो गई.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की घोषणा होने के बाद सभी पार्टियां पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में कूद गई हैं. बस्ती जनपद में भी अलग-अलग दलों के नेता वोटरों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे. समाजवादी पार्टी ने बस्ती में अपने उम्मीदवारों की घोषणा सबसे पहले की थी. लेकिन पार्टी की घोषणा अब जी का जंजाल साबित हो रही है. टिकट बंटवारे पर आपसी खींचतान खूब देखने को मिल रही है. दो दिन पहले बस्ती जिला अध्यक्ष महेंद्र यादव और चुनाव प्रभारी राम प्रसाद चौधरी ने 9 नगर पंचायत और एक नगर पालिका उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. इसके बाद टिकट ना मिलने से नाराज समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया. लखनऊ में घोषित टिकट को कटवाकर अपने नाम की घोषणा करवा ली.
बस्ती में एक सीट पर सपा के दो उम्मीदवार
गणेशपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 2 दिन पहले समाजवादी पार्टी ने नाहिद बानो को प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया है लेकिन आज उस वक्त सियासी बवंडर मच गया जब मीना नाम की नेत्री ने सपा के सिंबल पर पर्चा दाखिल कर दिया. एक ही पार्टी की तरफ से दो कैंडिडेट घोषित होने के बाद दुविधा की स्थिति पैदा हो गई. चर्चा होने लगी कि आखिर समाजवादी पार्टी का असली उम्मीदवार कौन है? दो दिन पहले घोषित सपा कैंडिडेट नाहिद बानो के पति भोलू ने मीडिया से दावा किया कि वही सपा के असली उम्मीदवार हैं. अब कह रहे हैं कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उनके अलावा किसी और भी कैंडिडेट ने पर्चा दाखिल किया है.
असली और नकली के बीच उलझे कार्यकर्ता
उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के निर्देश का पालन करेंगे. प्रदेश नेतृत्व की कृपा पर टिकट लेकर आई सपा नेत्री मीना के पति बालकृष्ण ने दावा किया कि उन्हें प्रदेश नेतृत्व से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है. इसलिए आज समाजवादी पार्टी की तरफ से अपना पर्चा दाखिल कर दिया है. सवाल उठता है कि बस्ती में क्या चल रहा है? प्रेस कांफ्रेंस कर सपा की लोकल इकाई अपना कैंडिडेट घोषित करती है और कुछ देर बाद प्रदेश नेतृत्व की तरफ से चहेते को कैंडिडेट घोषित कर दिया जाता है. जब उम्मीदवारों के नामों को लेकर ही इतनी भ्रम की स्थिति है तो निकाय चुनाव में सपा उम्मीदवार बीजेपी के सामने कितना दमखम दिखाएंगे आने वाला समय तय करेगा.