UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी में दो चरणों में होने वाले निकाय चुनाव पर सबकी नजर है. पहले चरण के चुनाव की बिसात पर ही सियासी घमासान छिड़ गया है. एक ओर जहां निषाद पार्टी (Nishad party) ने भाजपा के सा‍थ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तो वहीं भाजपा के भाव नहीं देने पर भाजपा प्रत्‍याशियों के खिलाफ अपने प्रत्‍याशियों को चुनाव मैदान में उतारकर नया दांव खेल दिया है. ऐसे में अब भाजपा और निषाद पार्टी के प्रत्‍याशी आमने-सामने आ गए हैं. यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) समेत कई शहरों में चुनाव में उतरे निषाद पार्टी के प्रत्‍याशी दमखम के साथ लड़ने का दावा कर रहे हैं तो वहीं निषाद पार्टी के दिग्‍गज नेताओं की चुप्‍पी कई सवाल भी खड़े कर रही है.


यूपी की भाजपा सरकार में कैबिनेट मं‍त्री और निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद ने 3 अप्रैल को गोरखपुर प्रवास के दौरान एनेक्‍सी भवन सभागार में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. इस बैठक में उन्‍होंने भाजपा के साथ मिलकर निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था. कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही उन्‍होंने कहा था कि वे बातचीत के बाद ये तय कर लेंगे कि किस सीट पर उनकी पार्टी की दावेदारी मजबूत है. इसी आधार पर चुनाव में प्रत्‍याशी उतारेंगे, लेकिन अंतिम समय में जब भाजपा की लिस्‍ट जारी हुई, तो निषाद पार्टी के एक भी प्रत्‍याशी का नाम लिस्‍ट में शामिल नहीं होने की वजह से चुनाव की तैयारी में जुटे कार्यकर्ताओं ने डा. संजय निषाद से गुस्‍सा जाहिर किया.


संजय निषाद की चुप्पी
3 अप्रैल को गोरखपुर दौरे के दौरान ही तबियत ठीक नहीं होने की वजह से डा. संजय निषाद लखनऊ और फिर दिल्‍ली इलाज कराने चले गए. निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी और भाजपा के तवज्‍जो नहीं देने की वजह से निषाद पार्टी ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने के लिए गोरखपुर ही नहीं बल्कि कई जिले से प्रत्‍याशियों के नाम की घो‍षणा कर दी. गोरखपुर से 8, लखनऊ और वाराणसी से दो, प्रयागराज से 5, जालौन और आगरा से एक-एक प्रत्‍याशियों की घोषणा से सियासी गलियारे में खलबली मच गई. इसके बावजूद निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद और अन्‍य शीर्ष पदाधिकारियों की चुप्‍पी से प्रत्‍याशी इस लिस्‍ट को स्‍वीकार कर पर्चा दाखिल कर चुनाव मैदान में आ गए क्‍योंकि इसमें बाकायदा निषाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी और भाजपा से चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक डा. संजय निषाद के पुत्र इंजीनियर सरवन निषाद समेत अन्‍य पदाधिकारियों के हस्‍ताक्षर भी हैं.


कहां से कौन उम्मीदवार
निषाद पार्टी ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्‍याशियों के खिलाफ वार्ड नंबर 13 से वर्मानंद कनौजिया, वार्ड नंबर 19 से गुंजा निषाद, वार्ड नंबर 30 से निर्मला देवी, वार्ड नंबर 38 से सुधीर निषाद, वार्ड नंबर 39 से नरेन्‍द्र निषाद, वार्ड नंबर 43 से कुंजन निषाद, वार्ड नंबर 51 से आरती निषाद और वार्ड नंबर 54 से रमेश निषाद के नाम का ऐलान कर दिया. हालांकि इसमें गुंजा निषाद ने गठबंधन का हवाला देते हुए पर्चा दाखिल नहीं किया. आरती निषाद वार्ड नंबर 51 और श्रीराम निषाद वार्ड नंबर 37 से निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वहीं भाजपा की शीला देवी वार्ड नंबर 37 से भाजपा के टिकट पर चुनाव प्रचार कर रही हैं. गुंजा देवी ने गठबंधन का हवाला देते हुए निषाद पार्टी से पर्चा ही दाखिल नहीं किया है.


निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव राजेश कुमार निषाद और निषाद पार्टी महिला प्रकोष्‍ठ की प्रदेश सचिव रंभा न‍िषाद प्रत्‍याशियों के प्रचार में जी-जान से जुटे हुए हैं. वे कहते हैं कि जब भाजपा ने उनके प्रत्‍याशियों को टिकट नहीं दिया, तो उनकी पार्टी ने प्रत्‍याशियों को मैदान में उतारा है. वे जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं. उन्‍हें जीत का पूरा विश्‍वास है. उनके प्रत्‍याशी भाजपा के प्रत्‍याशी को करारी शिकस्‍त देंगे. वहीं आरती निषाद का समर्थन करने वाले राजू निषाद ने कहा कि वे आरती निषाद के साथ हैं. उन्‍हें उनकी जीत का पूरा विश्‍वास है. वे उनके साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं. भाजपा महानगर के जिला महामंत्री गजेन्‍द्र सिंह भाजपा से वार्ड नंबर 37 से प्रत्‍याशी उनकी भाभी शीला देवी के प्रचार में जुटे हैं. वे कहते हैं कि निषाद पार्टी ने प्रदेश में कई जिलों में प्रत्‍याशी उतारे हैं, लेकिन भाजपा के प्रत्‍याशियों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा. वे लोग मजबूत स्थिति में हैं.


इस वजह से उड़े होश
इस बीच एक घटनाक्रम ने सभी के होश उड़ा दिए. वार्ड नंबर 38 से निषाद पार्टी के सिंबल भोजन भरी थाली पर पर्चा दाखिल करने वाले प्रत्‍याशी सुधीर निषाद को राजघाट थाने की पुलिस ने कस्‍टडी में लेकर 57 ग्राम स्‍मैक बरामद होने के आरोप में गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया. सुधीर निषाद राजघाट थाने का हिस्‍ट्रीशीटर है. उसके खिलाफ 15 मुकदमें दर्ज हैं. साल 2007 में दलित लड़की के अपहरण, आबकारी और गुंडा एक्‍ट में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने से मोहल्‍ले के लोगों में खासी नाराजगी भी है.


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