UP Nagar Nikay Chunav 2023: 1995 से वाराणसी (Varanasi) नगर निगम की सीट पर बीजेपी के मेयर प्रत्याशी का कब्जा रहा है और ये माना जाता है कि टिकट मिलने के साथ ही बीजेपी के प्रत्याशी का मेयर के रूप में चयन हो गया है, लेकिन पीएम मोदी (PM Narendra Modi) का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से बीजेपी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. लिहाजा वाराणसी के तीनों मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई है. इसके साथ ही दक्षिणी विधानसभा के विधायक नीलकंठ तिवारी की भी साख दांव पर लगी हुई है. दरअसल नीलकंठ तिवारी के विधानसभा क्षेत्र शहर दक्षिणी में कुल 24 वार्ड में से 12 वार्ड में बागियों ने नीलकंठ तिवारी की मुसीबत बढ़ा दी है. हालांकि बीजेपी ने उन सभी बागियों को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, लेकिन कहीं न कहीं उन बागियों ने सीधे-सीधे नीलकंठ तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.


वहीं उत्तरी विधानसभा से मंत्री रविंद्र जयसवाल की भी साख दांव पर लगी हुई है और उनको अपने वार्ड को जीतने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर की भी साख दांव पर लगी हुई है. दरअसल इस बार जो नए वार्ड जुड़े हैं उसमें शिवपुर विधानसभा के कई गांव नगर निगम में शामिल हुए हैं, जिसको जीतने की जिम्मेदारी अनिल राजभर को दी गई है.


वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु की साख दांव पर लगी हुई है और उन्हें भी शहर दक्षिणी विधानसभा में जिस तरह से बड़े पैमाने पर बागी प्रत्याशी पार्टी के विरोध में ताल ठोक रहे हैं उनको हराने की जिम्मेदारी दी गई है. 


गौरतलब है कि बीजेपी मेयर पद तो जीतना ही चाहती है, इसके साथ-साथ 100 वार्ड में से कम से कम 80 से 85 वार्ड से पार्षद प्रत्याशी भी जिताकर नगर निगम में अपनी पकड़ को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. लिहाजा इन सभी मंत्रियों और विधायकों की साख दांव पर लगी हुई है. फिलहाल अब देखने वाली बात होगी कि निकाय चुनाव में परिणाम किस तरह के आते हैं.


पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह की भी साख दांव पर
समाजवादी पार्टी की बात की जाए तो सपा इस बार नगर निकाय चुनाव में दम भरने का काम कर रही है, जिसमें पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह को वाराणसी का प्रभारी नियुक्त किया है. ओम प्रकाश सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ओपी सिंह को वाराणसी से मेयर बनाने का काम करें, लेकिन वाराणसी बीजेपी का गढ़ है. लिहाजा इस चुनाव में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की भी साख दांव पर लगी हुई है.


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