UP Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित किए गए ओबीसी आयोग ने काम शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यूपी निकाय चुनाव पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी है. इस बीच ओबीसी आरक्षण को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. इस बीच आगामी मेरठ कमिश्नरी की गाजियाबाद में एक अहम बैठक हुई, जिसमें मेरठ मंडल के जिला अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में पिछड़ा वर्ग की स्थिति को लेकर चर्चा हुई.

उत्तर प्रदेश में भी ओबीसी आरक्षण को लेकर गठित हुए यूपी राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में बैठक हुई. इस बैठक में मेरठ कमिश्नरी के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया, साथ ही पांच  जिलों के जिलाधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी गई है. पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य चौब सिंह वर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ओबीसी आरक्षण की चर्चा और समीक्षा की गई. चौब सिंह वर्मा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी है, जिन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बनाया गया है. 31 मार्च तक वो पिछड़ा वर्ग आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. ट्रिपल टेस्ट फार्मूले पर काम करते हुए पिछड़ा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को देगा.


ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के लिए ओबीसी आयोग की बैठक
स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति की जांच के लिए एक आयोग की स्थापना की जाए. यह आयोग निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आकलन करेगा और सीटों के लिए आरक्षण प्रस्तावित करेगा. आयोग की सिफारिशों के तहत स्थानीय निकायों की ओर से ओबीसी की संख्या का परीक्षण कराया जाए और उसका सत्यापन किया जाए. इसके बाद ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले यह ध्यान रखा जाए कि एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल आरक्षित सीटें 50 फीसदी से ज्यादा न हों.

कुल मिलाकर ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं. इसके लिए मंडल के सभी जिला अधिकारियों से मीटिंग की गई है. समय भी कम है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा डेटा इकट्ठा कर सभी का आंकलन करना है.


ओबीसी वर्ग से जुड़ा डेटा किया जाएगा एकत्रित 


आयोग के सदस्य चौब सिंह वर्मा ने कहा कि आयोग का लिमिटेड स्कोप है, वो स्कोप है कि किस तरह से ओबीसी क्लास में जो नौकरी या एजुकेशन एडमिशन में था उसको अलग रखे. ये देखना है कि ओबीसी वर्ग का कितना पॉलिटिकल रिप्रजेंटेशन हुआ है. हम ये डाटा इकट्ठा कर रहे हैं. इसके अलावा हमें ये सूचना चाहिए कि अमुक निकाय में कितने ओबीसी कम से कम तीन इलेक्शन जो पिछले इलेक्शन में निर्वाचित हुए हैं, कितने जनरल सीटों पर ओबीसी निर्वाचित हुए हैं, ये डाटा जरुरी था जिसको हम एकत्रित कर रहे हैं. 


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