UP Najul Bill: उत्तर प्रदेश में नजूल संपत्ति विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल एस की नेता, केंद्रीय मंत्री और मीरजापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल के बाद अब एक और साथी दल ने इस पर सवाल उठाए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और योगी कैबिनेट में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि  हम भी 100 फीसदी इसके हक में हैं कि इस बिल में संशोधन किया जाए.


सुभासपा नेता नेता ने कहा कि गरीबों को ना उजाड़ा जाए. सरकार की भी यही मंशा है. विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री ने इस बात का आश्वासन दिया था पर विधान परिषद उससे बड़ी होती है.  उसे लगा कि जब तक संशोधन ना हो जाए तब तक इसे पास नहीं किया जाना चाहिए.


दूसरी ओर सरकार के सूत्रों के मुताबिक नजूल बिल सरकार और संगठन की सहमति से रोका गया.


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क्या है नजूल संपत्ति विधेयक?
नजूल संपत्ति विधेयक के लागू होने के बाद राज्य में स्थित नजूल भूमियों का निजी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में प्रतिवर्तन नहीं किया जा सकेगा. नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन संबंधी किसी भी न्यायालय की कार्यवाही या प्राधिकारी के समक्ष आवेदन, निरस्त हो जाएंगे और अस्वीकृत समझे जाएंगे. यदि इस संबंध में कोई धनराशि जमा की गई है, तो निश्चित ब्याज समेत धनराशि वापस कर दी जाएगी. हालांकि नजूल भूमि के ऐसे पट्टाधारक जिनका पट्टा अब भी चालू है और नियमित रूप से पट्टा किराया जमा कर रहे हैं और पट्टे की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है, के पट्टों को सरकार या तो ऐसी शर्तों पर जैसा सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है जारी रख सकती है या ऐसे पट्टों का निर्धारण कर सकती है.


पट्टा अवधि की समाप्ति के बाद ऐसी भूमि समस्त विलंगमों से मुक्त होकर स्वतः राज्य सरकार में निहित हो जाएगी. इस अधिनियम के अंतर्गत नजूल भूमि का आरक्षण एवं उसका उपयोग केवल सार्वजनिक इकाइयों के लिए ही किया जाएगा.