Air Pollution: 'जहरीली हवा' में रहने को मजबूर यूपी के लोग, जानें गाजियाबाद और नोएडा का हाल
UP Air Pollution: दिल्ली एनसीआर से सटे इलाकों की भी आबोहवा जहरीली होती जा रही है. अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के आसार नहीं हैं.
Delhi NCR Air Quality Index: दिल्ली-एनसीआर में ठंड की दस्तक के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. गाजियाबाद में वायु की गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है. मेरठ में भी लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. जय भीम नगर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 244 दर्ज की गई है. गंगा नगर की भी आबोहवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गाजियाबाद की हवा खराब हो गई है. लोनी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 अंकों के साथ बहुत खराब दर्ज की गई.
जानें दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता
ग्रेटर नोएडा की आबोहवा में भी जहर घुल गया है. आज (22 अक्टूबर) नॉलेज पार्क का वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 दर्ज किया गया. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिनों लोगों को प्रदूषण की मार से निजात नहीं मिलने वाली है. प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण 23 और 24 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में जाने की आशंका है. प्रदूषण फैलाने का जिम्मेदार प्रमुख रूप से वाहन, औद्योगिक इकाइयां और ताप ऊर्जा संयंत्रों, निर्माण कार्य को माना जाता है.
लोगों का सांस लेना होता जा रहा दूभर
हरियाणा और पंजाब में किसानों के पराली जलाने से निकलने वाला धुआं भी दिल्ली-एनसीआर पहुंचता है. खराब हवा में सांस लेने से बीमारियों को न्योता देना है. प्रदूषित हवा बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा चपेट में लेती है. वायु प्रदूषण ओजोन की परत में बदलाव लाता है.
धरती का तापमान बढ़ने से ग्लेशियर पिघलने की आशंका रहती है. जलवायु परिवर्तन का असर इंसानों को प्रभावित करता है. दिल्ली-एनसीआर से सटे इलाकों में हवा दमघोंटू होती जा रही है. 23 और 24 अक्टूबर को भी वायु गुणवत्ता में सुधार के आसार नहीं हैं. साफ हवा में जहरीली गैस, धूल या धुआं इंसानों से लेकर जानवरों और पौधों के लिए खतरनाक है.
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