Kannauj Crime: यूपी (UP) के कन्नौज (Kannauj) जिले में पुरानी रंजिश (Old Enmity) के चलते बदला लेने के लिए घात लगाए बैठे दबंग पड़ोसी (Neighbor) ने एक परिवार पर ऐसा कहर बरसाया जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि देर रात सोते समय दबंगों ने लाठी, डंडे, भाले से एक परिवार के 5 सदस्यों को जमकर पीटा जिसमें दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि तीन लोगों की हालत गंभीर है. घटना के बाद पूरे गांव में हालत तनाव पूर्ण हो गए, मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस के आलाधिकारी भी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं.
कुछ माह पहले हुआ था दोनों परिवारों में झगड़ा
जानकारी के मुताबिक छिबरामऊ कोतवाली के बरुवा सबलपुर गांव निवासी मृतक सुरेश और कमलेश का कुछ माह पूर्व पड़ोसी लालू, दिनेश, मुकेश, पुसे से मामूली बात को लेकर झगड़ा हुआ था. मामला जब पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने हल्की कार्यवाही कर पल्ला झाड़ लिया था. झगड़े के बाद सुरेश और कमलेश परिवार के साथ घर छोड़कर कर चले गए थे. घटना वाले दिन घर छोड़कर जाने वाले सुरेश को पुलिस ने चौकी पर बुलाया था. पुलिस के कहने पर पीड़ित परिवार घर वापस आया तो दबंग पड़ोसियों ने फिर विवाद किया. इस पर पीड़ितों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर फिर खानपूर्ति करने चली आई. देर रात दबंग लालू दिनेश मुकेश पुसे ने अपने साथियों के साथ सोते समय पीड़ितों पर लाठी डंडे भाले से हमला बोल दिया और घर के पांच सदस्यों को लहूलुहान कर फरार हो गए.
पिता, पुत्र ने तोड़ा दम, महिला की हालत गंभीर
घटना की सूचना जब पुलिस को मिली तो पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान पिता-पुत्र की मौत हो गयी जब एक बुजुर्ग महिला जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. पिता-पुत्र की मौत की सूचना मिलते ही गांव में तनाव बढ़ गया. हालात ख़राब होते देख अधिकारियों ने अतिरिक्त पुलिस बल गांव में तैनात किया है. जैसे ही पिता-पुत्र का शव गांव पहुंचा, पुलिस ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया. फिलहाल पीड़ित परिजन घटना के बाद से डरे सहमे हैं.
क्या पुलिस की लापरवाही बनी वजह
वहीं घटना स्थल पर जब अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार पहुंचे तो मीडिया कर्मियों ने पीड़ित परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में पूछा. पहले तो एएसपी साहेब कुछ न बोले और जब बोले तो कहा पीड़ित परिजनों का आरोप गलत है. वही पीड़ितों को शरण देने वाले ने बताया कि कुछ माह पूर्व जब लड़ाई हुई थी तो मृतक सुरेश और आगे झगड़ा न हो इसलिए घर छोड़कर चला गया था. तीन माह बाद जब वह घर वापस लौटा तो दबंगों ने धोखे से उस पर हमला बोलकर उसकी हत्या कर दी.
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