UP News: अयोध्या में आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले भव्य दीपोत्सव आयोजन की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने सरयू नदी पर राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्ग बंद कर दिए हैं. साथ ही पुलिस ने राम की पैड़ी और राम पथ से जुड़ी सभी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के नाम की सूची भी तैयार की है. अयोध्या थाने के निरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने सोमवार को बताया कि राम की पैड़ी से जुड़ी 17 सड़कों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है. सिर्फ पास धारकों को ही इन रास्तों से गुजरने की अनुमति होगी.


उन्होंने कहा कि राम की पैड़ी की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं. सिर्फ घाटों पर तैनात किये गये स्वयंसेवक, दीपोत्सव कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों और पास धारकों को ही इन रास्तों पर प्रवेश मिलेगा. शर्मा ने बताया कि राम की पैड़ी की सुरक्षा को देखते हुए सभी 17 सम्पर्क मार्गों पर एक-एक दारोगा और चार-चार सिपाही तैनात किये गये हैं.


उन्होंने बताया कि राम की पैड़ी से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों से खासतौर पर आग्रह किया गया है कि वे दीपोत्सव वाले दिन प्रतिबंधित गलियों से ना गुजरें और ना ही अपने घरों की छतों पर जाएं. इसके लिए इलाके की सभी ऊंची इमारतों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाएंगे.


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दीपोत्सव के साथ ही दिवाली का त्यौहार सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजकरन नैयर ने सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में अधिकारियों और प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक की.


आवश्यकतानुसार सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही
उन्होंने कार्ययोजना और अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. नैयर ने पत्रकारों को बताया कि आवश्यकतानुसार सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.


पुलिस अधिकारी के अनुसार अयोध्या में दीपोत्सव के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके लिये दो सौ कमांडो तैनात किए गए हैं और नियमित निगरानी के लिए सुरक्षा ड्रोन भी सक्रिय किए गए हैं. उन्होंने बताया कि तीन सुरक्षा एजेंसियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.


पुलिस अधिकारी के अनुसार, ATS, STF और CRPF के दो सौ कमांडो राम मंदिर एवं आसपास के इलाकों की सुरक्षा करेंगे.


दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और पीएसी की कंपनियों ने जिले में डेरा डाल दिया है. इसके अलावा, विभिन्न जिलों और पुलिस मुख्यालय से नियुक्त पुलिसकर्मी और अधिकारी भी अपने तैनाती स्थल पर पहुंच गए हैं.