Aligarh News: अलीगढ़ में एक मुस्लिम स्कूल से हिंदू अध्यापकों को निकालने का मामला सामने आया है. स्कूल प्रबंधन ने 2 टीचरों को सिर्फ इस वजह से निकाल दिया क्योंकि वो हिंदू थे. स्कूल प्रबंधन का तर्क था कि उनका स्कूल मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है और यहां केवल मुस्लिम टीचर ही रखे जा सकते हैं. वहीं निकाले गए टीचरों का कहना है कि सेशन के बीच में उनको निकाल दिया गया, ऐसे में अब वो कहां जाएंगे. 


शिक्षा के मंदिर में धर्म के नाम पर भेदभाव
अलीगढ़ के शाह जमाल क्षेत्र में एमएआई हाई स्कूल के नाम से स्कूल चलता है. इस स्कूल में राहुल भारती नाम के शिक्षक पिछले 3 साल से और प्रवीण कुमार 4 महीने से पढ़ा रहे थे. ये स्कूल मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. स्कूल प्रबंधन द्वारा दोनों टीचरों को रखने के साथ ही उनके साथ एग्रीमेंट भी किया गया था. जिसके तहत यदि वह स्कूल को छोड़ेंगे तो 1 महीने पहले बताना होगा और अगर स्कूल उनको निकालता है तो उनको नोटिस देकर निकालना होगा. लेकिन 31 अगस्त को प्रबंधन ने दोनों टीचरों को बुलाया और उनका हिसाब कर कहा कि यहां केवल मुस्लिम शिक्षक ही रखे जाएंगे. आप लोग कल से नहीं आए. 


पीड़ित शिक्षक ने लगाया ये आरोप
पीड़ित शिक्षक राहुल भारती ने कहा कि एमएआई हाई स्कूल प्रबंधक जफरुद्दीन खान ने उन्हें केबिन में बुलाया और कहा कि हम आपकी सेवा नहीं ले सकते हैं आप अपना हिसाब कर लीजिए. जब हमने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि यहां सारे मुस्लिम कम्युनिटी के शिक्षकों को रखा जाएगा. क्योंकि मैं और प्रवीण दोनों हिंदू कम्युनिटी से हैं इसलिए 31 अगस्त को उन्होंने बुलाया और कहा हम आपकी सेवाएं आगे नहीं ले पाएंगे. राहुल भारती ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ मदरसे और स्कूल शिक्षा को लेकर बहुत अच्छे कदम उठा रहे हैं लेकिन इस तरफ उनका ध्यान नहीं है. 


'हिन्दू होने की वजह से नौकरी से निकाला'
स्कूल से निकाले गए दूसरे टीचर प्रवीण कुमार ने कहा कि उन्हें इस स्कूल में पढ़ाते हुए 4 महीने हुए थे. लेकिन 31 अगस्त को स्कूल प्रबंधन ने बुलाया और उन्हें निकाल दिया. उन्होंने कहा कि यहां मदरसा बोर्ड के टीचर रखे जाएंगे. उन्हें कोई नोटिस नही दिया गया जबकि एग्रीमेंट में लिखा था कि एक महीने पहले बताना होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि हिन्दू होने की वजह से ही उन्हें स्कूल से निकाला गया है. 


स्कूल प्रबंधन ने दी ये सफाई
इस बारे में जब एमएआई स्कूल के मैनेजर जफरुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारा स्कूल मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. अभी निरीक्षण के दौरान डीएमओ साहब आए तो उसमें आदेश किया गया कि मदरसे को मदरसा बोर्ड के जीओ के हिसाब से चलाया जाए. आपके यहां कुछ कमियां हैं उन कमियों को पूरा किया जाए. कुछ स्टाफ को हम परिवर्तित करेंगे और दूसरे स्टाफ की भर्ती करेंगे जो मदरसा बोर्ड से क्वालिफाइड रहेंगे. हमें जानकारी नहीं थी इसलिए हिंदू टीचरों की भर्ती कर ली. 


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मामले की जांच के निर्देश
अलीगढ़ की अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी स्मिता सिंह ने कहा कि ये मामले हमारे संज्ञान में आया है. इसके लिए प्रबंधन तंत्र जिम्मेदार है. प्रबंधन चाहे तो टीचरों को रखने का अधिकार उसको है. पूरा मदरसा मान्यता प्राप्त है. उसको सरकारी ऐड नहीं मिलती है. हिंदू-मस्लिम कोई वर्ग विशेष शिक्षा देने के लिए क्वालिफिकेशन अगर हिंदू के पास है तो क्वालिफिकेशन के आधार पर शिक्षा दे सकते हैं. जो क्वालिफिकेशन निर्धारित है मदरसा बोर्ड द्वारा, निर्धारित करते हैं तो मदरसे में बिल्कुल शिक्षा दे सकते हैं. इस प्रकरण की जांच की जाएगी कि किस आधार पर दोनों शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया. 


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