Aligarh News: अलीगढ़ में अग्रसेन स्वागत द्वार तोड़े जाने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में 3 दिन गुजर जाने के बाद भी अपर नगर आयुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है जिससे नाराज पूर्व बीजेपी विधायक संजीव राजा, अग्रवाल समाज के समर्थन में देर रात धरने पर बैठ गए. पूर्व विधायक संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा वर्तमान में शहर क्षेत्र से बीजेपी विधायक है. उनका कहना है कि इस मामले में अग्रवाल समाज पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है लेकिन अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. धरने की खबर सुनते ही आधी रात को डीएम और एसएसपी उनसे बात करने पहुंचे. आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म कर दिया.
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल अलीगढ़ में अग्रसेन जयंती को लेकर अग्रवाल समाज द्वारा बनाए गए अग्रसेन स्वागत द्वारों को 3 दिन पूर्व नगर निगम ने तोड़ दिया था. आरोप है कि अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त के इशारे पर ये काम ठेकेदार द्वारा किया गया था. जिसके बाद अग्रवाल समाज और नगर निगम आमने सामने आ गया. परसों अग्रवाल समाज के लोग अपर नगर आयुक्त के खिलाफ एसपी सिटी कार्यालय के बाहर रास्ता जाम करते हुए धरने पर बैठ गए थे. जिनको मनाने पहुंचे अपर नगर आयुक्त के साथ जमकर हाथापाई की गई. उन्होंने एसपी सिटी ऑफिस के अंदर भाग कर अपनी जान बचाई थी.
अग्रवाल समाज द्वारा गेट तोड़े जाने के मामले पर आरोपी अपर नगर आयुक्त के खिलाफ एफआईआर और माफी मांगने की मांग कर रहे थे. बाद में पहुंचे एसडीएम कोल के अपर नगर आयुक्त पर एफआईआर दर्ज कराने के आश्वासन के बाद धरना हटा दिया. इसके लिए अग्रवाल समाज ने एक तहरीर थाना बन्नादेवी में लिखित में दी थी. उधर अपर नगर आयुक्त की तरफ से भी सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, गाली-गलौज करने के आरोप लगाते हुए अग्रवाल समाज के लोगों पर थाना बन्नादेवी में तहरीर दी गई थी. इनमें अरुण गुप्त की तहरीर पर केस दर्ज हो गया लेकिन अग्रवाल समाज की तहरीर पर केस दर्ज न होने से अग्रवाल समाज में नाराजगी थी.
अपर नगर आयुक्त के खिलाफ धरना
शुक्रवार रात अपर आयुक्त के खिलाफ कोई कार्रवाई न होते देख पूर्व विधायक संजीव राजा, अग्रवाल समाज के समर्थन में अग्रसेन पार्क पर धरने पर बैठ गए. इसके बाद एक के बाद एक तमाम नेता उनके समर्थन में वहां पहुंचने लगे. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया. आधी रात को डीएम और एसएसपी खुद विधायक को मनाने पहुंचे काफी समझाने बुझाने के बाद विधायक धरना खत्म करने को तैयार हुए लेकिन वहां मौजूद अग्रवाल समाज के लोगों ने सांसद सतीश गौतम को लेकर नाराजगी जताई. बीजेपी नेता राजीव अग्रवाल ने बिना नाम लिए ये तक कह दिया कि वो हमारा वोट तो लेने आ जाते हैं लेकिन हमारे साथ खड़े नहीं हैं. इसका परिणाम उन्हें भुगतना होगा.
बीजेपी पूर्व विधायक ने लगाया ये आरोप
इस मौके पर संजीव राजा ने कहा कि 28 सितंबर की रात को नगर निगम के एक अधिकारी के द्वारा निर्धारित तरीके से महाराजा अग्रसेन जी के शोभा यात्रा के जो तोरण द्वार लगे हुए थे उनको जेसीबी से ना केवल ध्वस्त कराया बल्कि उनके चित्र नाले में पड़े मिले. जिसमें समाज में भयंकर आक्रोश था. समाज के लोग आक्रोशित थे. उनके गुस्से की तीन बातें थीं. नगर निगम का सक्षम अधिकारी आकर यहां पर खेद व्यक्त करें, सहायक नगर आयुक्त ने ये किया भी. दूसरी भावना भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज हो और तीसरा तोरण द्वार जो हटाए गए थे उनको लगाया जाए. जब ये नहीं हुआ तो हम धरने पर बैठ गए. ये मामला शासन स्तर पर पहुंच गया है.
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