Aligarh News: अलीगढ़ (Aligarh) में एक मुस्लिम महिला शिक्षिका (Muslim Teacher) द्वारा तबादला होकर आए नए खंड शिक्षा अधिकारी के स्वागत कार्यक्रम में उनके माथे पर तिलक लगाने को लेकर विवाद हो गया. कुछ मुस्लिम शिक्षकों ने इसे लेकर महिला टीचर को अपशब्द और अनर्गल बयानबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद शिक्षिका ने पूरे मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) से की है. बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से इस मामले पर दो सदस्यीय कमेटी गठित कर मामले में जांच कराई जा रही है. वहीं कमेंट करने वाले शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद अहमद अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है.


मुस्लिम टीचर के तिलक लगाने पर बवाल
दरअसल कुछ दिन पहले अलीगढ़ के जवा क्षेत्र में स्थानांतरित होकर आए नए खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा ने कार्यभार संभाला था. उनके लिए स्वागत समारोह रखा गया था, जिसमें एक मुस्लिम शिक्षिका ताहिरा ने उनका स्वागत करते हुए माथे पर भारतीय संस्कृति के मुताबिक टीका लगाया था. ताहिरा के टीका लगाते हुए एक तस्वीर शिक्षकों के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर ही वायरल हो गई जिसके बाद यूपी जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा कि इस फोटो पर मुसलमान टीचर अफसोस करें या खुश हो कि एक मुसलमान टीचर हिंदू धर्म का पालन, कितनी खुशी से कर रही है. मुझे तो बेहद अफसोस है बाकी आपके अंदर कितना ईमान है इसके जिम्मेदार आप हैं. 


मोहम्मद अहमद की इस पोस्ट के बाद अजीमा कौशर नाम की टीचर ने भी कमेंट किया और लिखा कि उनका ईमान मर गया है. इस ग्रुप में शामिल शिक्षिका ताहिरा ने जब इस तरह के अमर्यादित शब्द अपने लिए पढ़े तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से कर दी. 


मुस्लिम शिक्षकों ने जताई आपत्ति
इस मामले पर ताहिरा परवीन ने कहा कि हमारे एक नवीन खंड शिक्षा अधिकारी आए थे जब उन्होंने बीआरसी जवां का चार्ज लिया तो मुझे स्वागत के लिए कहा गया क्योंकि वहां मैं अकेली महिला थी. मुझे भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी और मैंने उन्हें टीका कर दिया. जिसके बाद ये फोटो उर्दू टीचर मोहम्मद अहमद को कहीं से मिल गया और उन्होंने इसे व्हाट्स ग्रुप में शेयर कर दिया. ताहिरा ने कहा कि मेरी सोच यह है कि हम अध्यापक है और अध्यापक को केवल इंसानियत का पाठ पढ़ाना चाहिए. हमारा धर्म इंसानियत है. मेरे टीका करने से मेरा धर्म परिवर्तन तो नहीं हुआ है. इससे उनकी सोच जाहिर होती है. अगर उनकी मानसिकता ऐसी है तो वो अपने स्कूल में बच्चों को क्या पाठ पढ़ाते होंगे. 


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'इस्लाम में तिलक लगाने की इजाजत नहीं'


वही जब इस मामले पर कमेंट करने वाले मोहम्मद अहमद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये मेरा संवैधानिक अधिकार था. मेरी पर्सनल राय थी. मैंने कहा कि मैं इस्लाम धर्म को मानने वाला हूं. इस्लाम धर्म में कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को तिलक नहीं लगा सकता. ये धर्म के खिलाफ है, इसलिए मैंने ये कहा. मैं समझता हूं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है. एक इस्लाम को मानने वाली टीचर तिलक लगाती है क्या हमारे वहां पर हिंदू टीचर मौजूद नहीं थे, वो भी तिलक लगा सकते थे. अगर इस मामले पर जांच बिठाई है तो उस पर मुझे नहीं लगता कि उनको मेरे ऊपर कोई कार्रवाई करनी चाहिए. 


बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
दूसरी तरफ इस मामले पर अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में आया है. इस तरह की पोस्ट उनको नहीं करनी चाहिए थी. मैंने अपने खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय और नगर को जांच दे दी है और 3 दिन के लिए अंदर रिपोर्ट देने को कहा है. अगर सत्यता मिलती है तो ये बहुत गलत बात है. एक अध्यापक को शोभा नहीं देता है इस तरह की पोस्ट करना. हम सब समान हैं. इस मामले में जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी. 


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