Aligarh News: अलीगढ़ में बुर्के वाली औरत ने फेंकी महिला अस्पताल की महंगी दवाइयां, जांच में जुटा विभाग
Aligarh News: अलीगढ़ में महिला अस्पताल की दवाएं फेंकने का मामला सामने आया है. एक बुर्के वाली महिला गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली अहम दवाओं को फेंककर चली गई. जबकि ये एक्सपायर भी नहीं थीं.
Aligarh News: अलीगढ़ (Aligarh) में दो दिन पहले महिला अस्पताल की दवाएं फेंकने का मामला सामने आया है. इसका एक वीडियो भी है जिसमें एक बुर्के वाली महिला दवाओं से भरा पैकेट फेंकते हुए नजर आ रही है. ये दवाएं गर्भवती महिलाओं को दी जाती है. करीब दो दिन पहले एक लाख रुपये की कीमत वाली दवाओं के पैकेट गली में पड़े मिले थे. ये वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में जुट गई है. इसके साथ ही अज्ञात महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
बुर्के वाली महिला ने फेंकी दवाएं
ये घटना गांधी पार्क इलाके के दुबे की सराय इलाके की है. यही की एक गली में दो दिन पहले दवाओं के करीब 400 पैकेट पड़े हुए नजर आए. ये सभी दवाएं मोहनलाल महिला अस्पताल में प्रयोग होने वाली बताई जा रही हैं. कोई भी दवा एक्सपायरी डेट की भी नहीं थी. सभी दवाओं के पत्तों पर नॉट फ़ॉर सेल लिखा हुआ था. भारी तादाद में दवाईयां मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. प्राथमिक जांच में सभी दवाएं मोहनलाल महिला अस्पताल की बताई जा रही हैं, जो गर्भवती महिलाओं को दी जाती है.
मामले की जांच में जुटा विभाग
सीएमओ नीरज त्यागी ने दवाएं मिलने के बाद एक कमेटी गठित की है, जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम घटनास्थल पर जांच करने के लिए पहुंची तो घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें एक बुर्के वाली महिला दवा से भरा पैकेट फेंकते नजर आ रही है. सीएमओ ने कहा कि इस मामले को लेकर सीओ साहब को भी अवगत करा दिया गया है. पुलिस के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी जांच में जुटी हुई हैं. बहुत जल्द दवा फेंकने वाली महिला के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये बेहद गंभीर विषय है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये दवाएं क्यों फेंकी गई.
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आपको बता दें अलीगढ़ में सिविल लाइन थाना इलाके के जमालपुर में कोरोना काल में जैसे ही कोरोना वायरस की वैक्सीन लगना शुरू हुई थी उस दौरान एक मुस्लिम महिला स्वास्थ्य कर्मी ने भारी तादाद में कोविड वैक्सीन को फेंक दिया था. उस दौरान भी मुस्लिम महिला स्वास्थ्य कर्मी पर मुकदमा दर्ज हुआ था और स्वास्थ्य विभाग ने उस स्वास्थ्य कर्मी महिला की सेवाएं भी समाप्त कर दी थी. ये वो दौर था जब वैक्सीन लगवाने को लेकर लोग परेशान थे.
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