Assault Kalashnikov AK-203 Rifles: यूपी का अमेठी (Amethi) अब आधुनिक हथियार के क्षेत्र में विकसित हो रहा है. यहां के मुंशीगंज के कोरवा में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी असॉल्ट कलाश्निकोव AK-203 राइफल (Assault Kalashnikov AK-203 Rifle) को आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को सुपुर्द कर दिया है. जिससे देश की सीमा पर तैनात जवानों के हाथों में लहराने वाली असॉल्ट कलाश्निकोव 203 राइफल भी अब अमेठी की याद दिलाएगी. साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था. 

 

जानिए इस राइफल की खासियत

रूस और भारत के तकनीकी सहयोग से दुनिया की बेहतरीन राइफलों में शुमार AK 203 राइफल मुंशीगंज के कोरवा में स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री में तीन साल पहले बनाना शुरू हुई थी. जिसके बाद असॉल्ट कलाश्निकोव 203 राइफल पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सेना को सौंप दिया. पूरी तरह से मेड इन इंडिया AK 203 बेहद ही घातक हथियार है. इसकी मारक क्षमता 500 से 800 मीटर है. ये पानी मे भी उतने ही तेजी से काम करेगी जितना कि जमीन पर करती है.

 

इस राइफल का वजन 3 किलो 800 ग्राम है. ये राइफल एक बार में 30 राउंड फायरिंग करती है. इसकी लंबाई 705 मिलीमीटर है. असॉल्ट कलाश्निकोव 203 ये राइफल सेना को मिल जाने से जवानों को भी राहत मिलेगी और उन्हें वजनदार हथियारों से छुटकारा भी मिल जाएगा. AK 203 इंसास राइफल की जगह लेगी. 

 


 

सीमा पर चमकेगा अमेठी का नाम

AK 203 सेना को सुपुर्द किये जाने को लेकर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के पीआरओ ने कहा कि आज बहुत बड़ा दिन है और इस दिन का हम सब को बहुत ही बेसब्री से इंतजार था. ये पूरा वेपन स्वदेशी है इसकी क्वालिटी बहुत फ्यूचरिस्टिक, रिलायबल, ड्यूरेबल और लो मेंटेनेंस है. ये सारी चीजें अब सेना को हम दे पाएंगे. सीमा पर जब हमारा जवान इस हथियार से लैस होगा और हमारी सीमाओं की रक्षा करेगा तो ये गर्व की बात होगी. उन्होंने कहा कि इसकी खूबी ये है कि ये पॉलीमर बेस्ड है इसका वेट राउंड 3 पॉइंट 8 केजी है जो इसका पेरेंट् वेपन था. AK 47 से लगभग 500 ग्राम कम है. 

 

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