Amroha News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपद अमरोहा (Amroha) में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग विधवा महिला को बिना जांच के ही मृत घोषित कर दिया गया. हालत ये हैं कि उम्र के इस पड़ाव में आकर उसने खुद को जिंदा साबित करने लिए अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन उसकी फरियाद सुनने को तैयार नहीं है. दो साल पहले उसे कागजों में मृत दर्शा उनकी विधवा पेंशन तक बंद कर दी गई है. 


ये मामला अमरोहा में धनौरा तहसील के गनरौला का है जहां के गंगानगर मोहल्ला में रहने वाली कमलेश देवी सिस्टम की लापरवाही और अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी का शिकार हो रही है. बीमारी की वजह से उनके पति की कई सालों पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद उनका विधवा पेंशन शुरू हो गई. इसी पेंशन के सहारे उनका गुजारा चल रहा था और वो अपनी जिंदगी के इस पड़ाव में किसी तरह जिंदगी गुजार रही थीं, लेकिन दो साल पहले प्रशासनिक लापरवाही के चलते बिना जांच किए ही उन्हें कागजों पर मृत घोषित कर दिया गया. जिसके बाद उनकी पेंशन को भी बंद कर दिया गया.


खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही है महिला


कई महीनों तक जब उनकी पेंशन नहीं आई तो उनके सामने पैसों की किल्लत शुरू हो गई. जिसके बाद वो ब्लॉक कार्यालय में गईं, जहां उन्हें बताया गया कि रिकॉर्ड के मुताबिक उनकी मृत्यु हो चुकी है. इस कारण उनकी पेंशन बंद की गई है. बुजुर्ग महिला धनौरा में आयोजित तहसील दिवस पर भी गुहार लगा चुकी हैं, मगर यहां भी उनकी फरियाद नहीं सुनी गई. यही नहीं उन्होंने विकास भवन में समाज कल्याण अधिकारी से लेकर अन्य अफसरों के यहां भी फरियाद लगाई. लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. 


दो साल से कमलेश देवी खुद को जीवित सिद्ध करने के लिए तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों के चक्कर काट रही हैं. इस बारे में जब अमरोहा के समाज कल्याण अधिकारी आशीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये मामला मेरे संज्ञान में आया है और इसकी पूरी जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद हफ्ते भर के अंदर कार्रवाई की जाएगी. 


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