UP News: यूपी के गोरखपुर में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार लगातार प्रयास में जुटी है. संचारी रोग माह में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकत्रियों का लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक करने में बड़ा योगदान होता है. ऐसे समय में उनकी प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं होने से कार्यकत्रियों में रोष व्याप्त है. यही वजह है कि वे सीएमओ कार्यालय पर धरना देने के लिए पहुंच गईं. हालांकि सीएमओ राजनीतिक पार्टी के चढ़ाने पर धरने की बात कहकर पल्ला झाड़ते हुए दिख रहे हैं.


नहीं मिली है प्रोत्साहन राशि
गोरखपुर के मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी कार्यालय पर शुक्रवार को आशा कार्यकत्रियों ने धरना-प्रदर्शन किया. आशा कार्यकत्रियों का आरोप है कि उन्हें कई माह से प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि शासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले पांच से छह माह से भुगतान नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि हर ब्लॉक का यही हाल है. ऐसे में वे अपने परिवार का खर्च तक नहीं चला पा रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी प्रोत्साहन राशि 45 सौ रुपए के करीब है. जो एक मजदूर को मिलने वाली मजदूरी से भी कम है. ऐसे में उन्हें परिवार और बच्चों को पालना मुश्किल हो गया है.


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सीएम से मुलाकात के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर धरने का नेतृत्व कर रहीं आल इंडिया आशा कार्यकत्री कल्‍याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा देवी ने कहा कि प्रोत्साहन राशि का पिछले पांच-छह माह से भुगतान नहीं हुआ है. उन लोगों ने मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी, मुख्‍यमंत्री और डीएम से मुलाकात कर चुकी हैं. इसके बावजूद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बजट नहीं होने की बात की जा रही है. शासन के पास बजट नहीं है, तो उनके पास भी काम करने का समय नहीं है. वे काम करते रहे और मनरेगा मजदूर के बराबर भी रुपए नहीं मिलते हैं.


उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि का आशा और संगिनी बहनों को भुगतान नहीं होता है. उनका अनिश्चितकालीन धरना चलता रहेगा. जहां भुगतान हो रहा है. वहां पर धरना नहीं हो रहा है. पूरे यूपी के जिन जिलों में भुगतान नहीं हुआ है, वहां पर प्रदर्शन चल रहा है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर के 19 ब्लॉक में दस्तक और संचारी रोग अभियान का बहिष्कार शुक्रवार से शुरू हो गया है. जिले में  4 हजार से अधिक आशा और संगिनी हैं. उन लोगों का नुकसान हो रहा है. पांच-छह महीने से रुपये नहीं मिल रहे हैं. बच्चों की फीस और गैस का दाम देने तक का रुपये नहीं है. उनका भुगतान नहीं हुआ, तो लखनऊ-दिल्‍ली लोग कूच करेंगे.


मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी ने कहा लगा रहे गलत आरोप
इस संबंध में गोरखपुर के मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे उनकी बात को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि वे गलत आरोप लगा रही हैं. सितंबर माह का वेतन भुगतान देय है. उनका भुगतान पहले ब्लॉक से होता रहा है. अब तीन मुख्यालय से किया जा रहा है. अब शासन की ओर से भुगतान किया जाता है. उन लोगों को पासबुक लेकर आने के लिए कहा गया था. 11 तारीख तक सितंबर का भी भुगतान हो जाएगा. 11 तक संविदा कर्मियों का वेतन दे देते हैं. पहले जब ब्लॉक से पेमेंट होता था. पासबुक से मिलान की बात कही गई, लेकिन पासबुक लाने की बजाय किसी राजनीतिक दल के समर्थक हैं. उन्हीं की ओर से गुमराह किए गए लोग हैं. इनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई के साथ प्रमाण मिलने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.


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