Auraiya News: अगर आप भी पॉलिसी लेने या रिन्यूवल (Policy Renewal) के लिए गूगल (Google) की मदद लेते हैं, तो होशियार हो जाएं, कहीं ऐसा न हो कि आप गूगल पर बनी फर्जी वेबसाइट (Website) के चक्कर में पड़कर कोई बड़ी गलती कर बैठे. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि औरैया (Auraiya) में एसओजी टीम व अजीतमल कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो घर बैठकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे और गूगल के जरिए कई लोगों को अपना शिकार बना रहे. इन दोनों ठगों ने गूगल की मदद से एयरफोर्स में तैनात जवान 40 लाख रुपये ठग लिए.   


औरैया पुलिस को इस गैंग की जानकारी तब मिली जब एक एयरफोर्स में तैनात जवान ने अपनी बंद पॉलिसी को दोबारा से रिन्यूवल कराने के लिए गूगल की मदद ली और वेबसाइट से मिले नंबर पर बात की. इन ठगों ने पॉलिसी रिन्यूवल से नाम पर जवान से 40 लाख की रकम वसूल ली. जिसके बाद उसने पुलिस की मदद ली. पीड़ित से मिली शिकायत के आधार पर एसपी ने एसओजी समेत पुलिस की एक टीम का गठन किया और इस मामले की जांच सौंपी. जांच के दौरान पुलिस के हाथ इस गैंग तक पहुंच गए और घर में बैठकर बंद कमरे से कॉल सेंटर चला रहे थे. 


एयरफोर्स के जवान से ठगे 40 लाख
मामला औरैया जिले के अजीतमल कोतवाली का है जहां 10 अक्टूबर को एयरफोर्स में तैनात मोहित नाम के युवक तहरीर दी और बताया कि कैसे ये गैंग आम लोगों को अपना ठगी का शिकार बना रहा था. पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि 2016 में उसकी एक पॉलसी थी, जिसे बीच में रोक दिया गया था और अब उस पॉलसी को रिन्यूवल कराना था. पॉलिसी रिन्यूवल को लेकर जब उसने गूगल से जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो वहां से उन्हें इन दोनों के नंबर मिले. इन्होंने पॉलिसी रिन्यूवल के नाम पर बार-बार अकाउंट पैसे निकाले और 39 लाख 91 हजार की रकम उड़ा ली. इसे लेकर जब पीड़ित ने इन लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने बात करना ही छोड़ दिया. 


पूछताछ में किया बड़ा खुलासा


पुलिस के मुताबिक मुख्य अभियुक्त विकास तिवारी ने पूछताछ में बताया कि वो उसका साथी अनुज कुमार और शिवम तिवारी तीनों नोएडा में एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में काम करते थे. कोविड के बाद नौकरी जाने के बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी से मिले डेटा के जरिए साइबर फ्रॉड की योजना बनाई. ये लोग डाटा से लोगों को कॉल कर इंश्योरेंस पॉलिसी मेच्योर कराने के नाम पर कॉल करते थे व फर्जी दस्तावेज/आई-डी भेजकर उनका विश्वास प्राप्त करते थे. इसके बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर अपने विभिन्न खातों में डलवाते थे.


पुलिस ने इस मामले में आरोपी विकास तिवारी और अनुज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है इनका एक साथी शिवम तिवारी अभी फरार है. पुलिस को आरोपियों के पास से 1.20 लाख रुपये नगद, 2 लैपटॉप, 4 एन्ड्रायड और 8 पैड मोबाइल फोन के साथ साथ 8 ATM, 1 वाई-फाई डिवाइस व अन्य प्रपत्र मिले हैं. पुलिस तीसरे आरोपी की तलाश कर रही है. 


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