Auariya Crime News: औरैया पुलिस ने एक बेहद शातिर गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों बदमाशों ने एक फर्जी बैंक खोली और दूसरे शहरों बैंक की शाखा खोलने और उनमें नौकरी देने का झांसा देकर लोगों से अच्छी-खासी रकम वसूल ली. इन बदमाशों ने इसके लिए अपनी ही बैंक में काम करने वाले कर्मचारियों और उनके दोस्त रिश्तेदारों को शिकार बनाया. इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब एक युवक से करीब 7 लोगों को नौकरी देने के नाम पर पैसे वसूले गए.
ये मामला औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों ने लोगों को ठगने का एक अनोखा तरीका अपनाया. इन बदमाशों ने पहले अपनी ही बैंक खोल ली. इस बैंक में कई लोगों को नोकरी भी दी. इसके बाद इन्होंने अपने ही कर्मचारियों का कहा कि वो जिले में और भी ब्रांच खोलने जा रहे हैं, जहां नौकरी देने के नाम पर कर्मचारियों के दोस्तों ओर रिश्तेदारों से सिक्योरिटी मनी के नाम पर लाखों रुपये ले लिए. इस बात का खुलासा जब हुआ जब एक युवक से करीब 7 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम से मोटी रकम ली गई लेकिन नौकरी नही दी. जिसके बाद पीड़ित युवक ने पुलिस मे शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने दो ठगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी असलम और लल्ली को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जब इस केस की जांच शुरू की तो वो खुद भी हैरान रह गई. इस गैंग के मास्टरमाइंड लल्ली ने पुलिस को बताया कि उन्होंने खुद की एक फर्जी बैंक खोली, जिसे नाम दिया गया, 'डिजिटल आर्यवृत लिमिटेड' जिसकी एक ब्रांच सहार थाना क्षेत्र के कस्बे में है. आरोपी इस बैंक में लोगों को अपनी पोस्ट एएसएम की बताता था और नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये उनसे लेता था साथ ही उन्हें महीने की सैलरी भी देता था.
ऐसे बनाते थे लोगों को अपना शिकार
दरअसल दिबियापुर थाने में शीलू नाम के युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उसने बताया कि उसे लल्ली नाम का शख्स मिला था, जिसने बताया कि वो एक प्राइवेट बैंक में एएसएम की पोस्ट पर है. इस बैंक में नौकरी की जगह खाली है, इसके बाद नौकरी के नाम पर सिक्योरिटी मनी के रूप में उससे करीब एक लाख 80 हजार रुपये लिए और नौकरी लगवा दी. तीन महीनों तक उसे 14 हजार की सैलरी भी दी गई. कुछ दिनों बाद लल्ली ने कहा कि वो एक और बैंक खोलने जा रहे हैं अगर किसी को नौकरी चाहिए तो जो सिक्योरिटी मनी उससे ली थी वही लगेगी. इसके बाद शीलू ने परिवार के 7 लोगों की नौकरी के लिए करीब 12 लाख 60 हजार रुपए दिए, लेकिन महीना बीत जाने के बाद कोई जबाब नही मिला. इधर तीन महीने बाद उसकी बैंक भी बंद हो गई.
एसपी चारु निगम ने बताया पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया. कई टीमें गठित की गई जिसके बाद दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बैंक में यूज करने वाले कई उपकरणों को भी बरामद किए गए हैं. पुलिस अभी इन लोगों से और भी जांच कर रही है कि इन्होंने कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है.
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