Auraiya News: औरैया में PWD विभाग का गजब खेल, सड़कों पर मिट्टी डालकर किया जा रहा है गड्ढामुक्त
Auraiya News: ग्रामीणों ने सड़क का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया तो अधिकारियों के मुंह पर ताला लग गया. मीडिया के सवालों से बचते हुए उन्होंने कहा कि हम मीडिया में बयान के लिए अधिकृत नहीं हैं
Auraiya News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पहले 15 नवंबर तक गड्ढा मुक्त सड़के करने के निर्देश जिले के जिलाधिकारियों को दिए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया गया लेकिन औरैया जिले में पीडब्ल्यूडी (PWD) के अधिकारी गजब कारनामा करने में लगे हैं. यहां सड़कों के गड्ढे भरे तो जा रहे हैं लेकिन उनमें गिट्टी डामर नहीं बल्कि मिट्टी भरी जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि कोई जनहानि न हो.
मिट्टी से भरे गए सड़क के गड्ढे
औरैया में पीडब्ल्यूडी विभाग सीएम योगी के आदेश का पालन करते हुए सडकों के गड्ढे तो भर रहे हैं लेकिन सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए मिट्टी का प्रयोग कर रहे हैं. इस तरह से न वो सिर्फ काम की खानापूर्ति कर रहे हैं बल्कि सीएम के आदेशों पर भी मिट्टी डालते हुए दिख रहे हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने जब ऐसी सड़क का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया तो अधिकारियों के मुंह पर ताला लग गया. मीडिया के सवालों से बचते हुए उन्होंने कहा कि हम अब मीडिया के सामने बयानबाजी के लिए अधिकृत नहीं हैं, लखनऊ से मना कर दिया गया है.
वहीं जब बिधूना तहसील क्षेत्र के कैथावा इंदरगढ़ रोड पर गड्ढों को मिट्टी से भरने वाले मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें जेई साहब ने मिट्टी से गढ्ढे भरने का आदेश दिया है, वो उनके आदेश पर ही ये काम कर रहे हैं. इस बारे में जब जूनियर इंजीनियर मोहम्मद आकिल कुरेशी से पूछा तो उन्होंने भी गजब का जवाब दिया और अपना बचाव करते हुए कहा मिट्टी से गड्ढे भरे गए हैं ताकि कोई जनहानि न हो, क्योंकि बारिश के समय यहां गहरे गड्ढे हो गए थे.
अधिकारियों ने दी गजब सफाई
राहगीरों की माने तो इस सड़क और पुलिया पर गहरे गड्ढे हैं जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है और हादसे की संभावना भी बनी रहती है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर मिट्टी से ही गड्ढे भरे जाएंगे तो ये कब तक चल पाएंगे. जिला प्रशासन सीएम के सामने जनपद को गड्ढा मुक्त करना चाहता है तो आने वाले समय में यहां पर सड़कों की हालत क्या होगी और इससे सरकार की छवि पर क्या असर पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- UP By-Election:साढ़े चार दशक में पहली बार, रामपुर के चुनाव में आजम खान परिवार से नहीं कोई कैंडिडेट