Auraiya News: यूपी में नगर निकाय चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही सपा विधायक (SP MLA) भी अब मैदान में उतर कर जनता के बीच जाने लगे है. जिस तरीके से सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साध रहे हैं, उसके बाद सपा विधायकों ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिकारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. दिबियापुर विधानसभा (Dibiyapur Assembly) के सपा विधायक प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) ने जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को देखना चाहिए कि कैसे तहसील में अवैध वसूली हो रही है. 

 

सपा विधायक ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सपा विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जिला प्रशासन गूंगा और बहरा हो चुका है. कई दिनों से तहसील में भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ताओं की मांग ना होने पर हड़ताल कर कलम बंद किए हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी जिला प्रशासन इनकी मांगों पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कुछ दिन पहले तहसील में एक लेखपाल को पैसे लेते वीडियो वायरल होने के बाद निलंबन किया गया. उसी तरह अधिकारियों को देखना चाहिए कि तहसील में किस तरीक से अवैध वसूली हो रही है और विरासत के मामलों में बिना रुपये के काम नही हो रहा है. 

 

नगर निकाय चुनाव को लेकर एक्शन में सपा
यूपी में जल्द ही नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर विपक्ष के विधायक अब जनता के बीच उनकी समस्याओं को उठाने के लिए मैदान में उतर चुके है. भले ही प्रदेश में सपा की सरकार न बनी हो लेकिन औरैया जिले में सपा का दबदबा इस बार भी बरकरार रहा क्योंकि 3 विधानसभा सीटों में से 2 सीट सपा के हाथ आई है तो एक बीजेपी को मिली, यही वजह है कि नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा कोई चूक नही करना चाहती और सपा के विधायक अब लोगों की आवाज बनते नज़र आ रहे है. 

 

लोगों के मुद्दे उठाते दिखाई दे रही है सपा

सपा विधायक प्रदीप यादव जहां दो दिन पहले सैकड़ों की सख्या में किसानों की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मिले थे तो वही अब उन्होंने जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पिछले कई दिनों से तहसील में अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने की कवायद में अधिवक्ता अपनी कई मांगों को लेकर कलम बंद कर हड़ताल किए हुए है और जिला प्रशासन उनकी मांगों सुनवाई करता नहीं दिख रहा. 
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मीडिया से बात करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि जिला प्रशासन गूंगा बहरा हो चुका है. अधिवक्ताओं के मांग पत्र में ऐसी कोई भी मांग नहीं है जो सही न हो.  पत्र में लिखा है कि विरासत के मामले है जिसमें सरकार के निर्देश है कि अगर विवाद कोई नहीं है तो विरासत मामले 15 दिन के भीतर चढ़ा देने चाहिए. जमीन के कई मामले ऐसे है जो ये लोग दो दो महीनों तक चढ़ाते नहीं है और ये सब मांगे जायज है. 

 

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